तुमरीसुर भेजर में खदान, रेलवे लाईन का विरोध..

तुमरीसुर भेजर में खदान, रेलवे लाईन का विरोध..

- खंडीघाट पहाड़ी धार्मिक आस्था जुड़ी है, पेसा कानून, ग्राम सभा का भी अनदेखी इसलिए विरोध
भानुप्रतापपुर,(दीपक शर्मा)। तुमरीसुर, भेजर में नये सोने के खदान और भानुप्रतापपुर से गढ़चिरौली के लिए रेल लाईन बिछाने का सर्वे किया गया है। इसका लगातार विरोध क्षेत्र के 44 गांव के लोग भेजर में राशन सामग्री के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे है। गुरुवार को हड़ताल के 33 वां दिन था इस दिन 443 लोग उपस्थित थे। इतने दिन गुजर जाने के बाद भी जिला प्रशासन नहीं पहुँचा न जानने की कोशिश किया कि ग्रामीणों का विरोध का वजह किया है। यह आंदोलन खंडीघाट संघर्ष समिति के तत्वाधान में चल रहा है। रेल लाइन और सोना खदान को विरोध करने का अपना अलग पक्ष है। समिति अध्यक्ष शंकर नरेटी ने कहा रेल लाइन का सर्वे का चिन्हाकित किया गया है। सोना खदान के लिए भी जांच किया गया है। पर हमें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गईं। पेशा कानून, ग्राम सभा के तहत अनुमति भी नहीं लिया गया। इसलिए 44गाव के ग्रामीण 22अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।  मनीष तुलावी ने कहा खड़ीघाट पहाड़ी में देवी-देवता है हमारी धार्मिक आस्था जुड़ी है। इसका खनन, रेल लाइन सर्वे के लिए हमे पूछा नहीं गया।
नए सोना खदान और रेलवे लाइन के लिए अनुमति नहीं देने के ग्रामीणों ने तुमरीसुर और भेजर गांव में ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर 5 अप्रैल को  राज्यपाल के नाम दुर्गूकोंदल तहसीलदार को ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा है। लेकिन राज्यपाल, छत्तीसगढ़ शासन, जिला प्रशासन से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर 44गांव के ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।  ग्रामीण दुर्जन उयका, भावसिंग मंडावी, छेरकू तुलावी, बहादुरसाय तुलावी, जयसिंह हिड़को, मानसू आचला, प्रेम पुड़ो, हीरा पुड़ो, लव पुड़ो, नारायण पुड़ो ने बताया कि ग्राम तुमरीसुर में शासन से नये खदान खोलने और भानुप्रतापपुर गढ़चिरौली के बीच रेल लाईन बिछाने सर्वे हुआ है। हमने ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया है। कि तुमरीसुर भेजर में खदान नहीं खुलना चाहिए। भेजर गांव से रेलवे लाईन बिछाने नहीं देंगे। 

-जमीन चली जायेगी, हम कहां जाएंगे..
हम 44गांव के ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किये है। ग्रामीणों का कहना है रेलवे लाइन बिछाने से हमारी जमीन चली जायेगी। एक को नौकरी देंगे बाकी परिवार कहां जाएंगे। परिवार उजड़ जाएगा। सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरजू टेकाम ने समर्थन दिया। इन्होंने बताया कि कोड़ेकुर्से उप तहसील अंतर्गत ग्राम मेरेगांव, तुमरीसुर, भेजर, गुदुम, धनवाफुलचुर, फित्तेफुलचुर, कोंडे, देवकोंडे, कोड़ोगांव, सुरूंगदोह, आंधेवाड़ा, दरगढ़, भुसकी, ओडाहूर, गोपालटोला, करकाझार, पड़गाल, हुलघाट, खेड़ेगांव, घमरे, तोड़कान, लाटमरका, जुई, चिखली, हरफड़, पचांगी, खेड़ेगांव, मंगहूर, हामतवाही, करकापाल, नेलचांग, कराकी, गोंड़पाल, कोंडरूंज, गुरदाटोला, मिचेवाड़ा, ओटेकसा, भुरके, बेल्दोह, गरदा, नरेटीटोला के ग्रामीण महिला पुरुष अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।
-प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी नहीं पहुँचा
तुमरीसुर भेजर में प्रतिदिन 33 दिनों से अपने मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया शुरू में शुरुआती दिनों में एक ही दिन पुलिस आई थी। इसके के बाद कोई भी अधिकारी नहीं आये की ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा है। आखिर मांग किया है। हम यह आन्दोलन लगातार जारी रखेंगे जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है।