जेल के जमादार पर जोर से चीखीं पूजा सिंघल, ले जाओ अपना चना-गुड़, मुझे नहीं चाहिए जेल का खाना

जेल के जमादार पर जोर से चीखीं पूजा सिंघल, ले जाओ अपना चना-गुड़, मुझे नहीं चाहिए जेल का खाना

रांची । भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों में निलंबित झारखंड की आईएएस पूजा सिंघल की रात जेल में गुजरी। रात कष्टप्रद थी। जेल के महिला वार्ड की जमीन पर एक चादर पर उन्होंने रात गुजारी। पूरी रात मच्छरों ने परेशान किया। गुरुवार की सुबह जेल का नाश्ता चूड़ा-मुरही और गुड़ गले से नहीं उतरा। देखकर ही खाने से मना कर दिया। जेलकर्मियों से कहा, ले जाओ यह खाना, मुझे ईडी ही नाश्ता कराएगा। फिर गुमसुम रहीं।जेल के अंदर भी पूजा का आइइएस वाला रुतबा दिखा। सुबह के समय जब जमादार उनके पास पहुंचे, तो फटकार लगाई। कहा- तुमलोग क्या व्यवस्था रखते हो। समझ नहीं आता है, कैसे रखना है जेल को। साफ-सफाई तक का ख्याल नहीं रहता। इस गंदगी में कैसे रहूंगी मैं। जमादार ने कहा, मैडम ठीक हो जाएगा सब, इसपर बोलीं कि साफ-सफाई नहीं रही तो ठीक नहीं होगा। मैडम को भड़की देख जमादार सहित अन्य सुरक्षाकर्मी और जेलकर्मियों ने चुप रहना ही बेहतर समझा। पूजा सिंघल से जो कोई भी बातचीत करने जा रहा था, वह उन्हें फटकार लगाती रहीं। इस बीच उन्हें रिमांड पर लेने सुबह दस बजे ईडी की टीम होटवार जेल पहुंच गई। ब्रश करना व नहाना भी नसीब नहीं हुआ। बिना फ्रेश हुए निकलना पड़ा। जिस हाल में उन्हें ईडी ने जेल भेजा था, उसी हाल में दूसरे दिन जेल से निकलीं। करीब 10.20 बजे उन्हें ईडी की टीम जेल से लेकर बाहर निकली। इससे पहले रात को उन्होंने ब्लड प्रेशर की दवा भी ली थी। पूजा सिंघल जेल में चार महिलाओं के साथ रहीं। उनके वार्ड में सिमडेगा जिला सहित अन्य जगहों की महिला कैदी थीं। उन्होंने आइएएस से बातचीत की कोशिश की, लेकिन किसी से उन्होंने बातचीत नहीं की। चादर पर सोने के कारण उन्हें नींद नहीं आई, रात भर करवट बदलती रहीं। सुबह उठकर इधर-उधर टहलीं। पूजा सिंघल बुधवार की रात करीब 10.00 बजे जेल पहुंची थीं, परिजनों ने उन्हें बेडशीट या कंबल नहीं दिया था। महिला वार्ड में अपर डिवीजन सेल नहीं है, वहां सामान्य वार्ड हैं। जहां बेड की व्यवस्था नहीं है। जमीन पर ही करीब 10 इंच ऊंचाई का बेड जैसा प्लेटफार्म बना होता है, वहीं कैदियों को सोने की जगह मिलती है। सामान्य कैदियों की तरह ही पूजा सिंघल के लिए भी व्यवस्था थी