बेहतर वित्तीय प्रबंधन और कड़े वित्तीय अनुशासन से राज्य की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई: भूपेश बघेल

बेहतर वित्तीय प्रबंधन और कड़े वित्तीय अनुशासन से राज्य की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई: भूपेश बघेल

-चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने बाजार से नही लिया कोई ऋण
-छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 4 हजार 337 करोड़ 75 लाख 93 हजार 832 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित
-बेहतर वित्तीय प्रबंधन से अक्टूबर माह तक 898 करोड़ रूपए का राजस्व आधिक्य
-प्रदेश के सभी आय वर्गो की आय एवं क्रय क्षमता में वृद्धि हुई
-राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए 950 करोड़ रूपए का प्रावधान
-राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए 129 करोड़ रूपए, हाफ बिजली बिल योजना के लिए 31 करोड़ रूपए का प्रावधान
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 4 हजार 337 करोड़ 75 लाख 93 हजार 832 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। वर्ष 2022-23 का मुख्य बजट एक लाख 4 हजार करोड़ रूपए है। प्रथम एवं द्वितीय अनुपूरक को मिलाकर अब राज्य के बजट का आकार बढ़कर एक लाख 11 हजार 242 करोड़ रूपए हो गया है। द्वितीय अनुपूरक में कुल व्यय 4 हजार 338 करोड़ रूपए में से राजस्व व्यय 3 हजार 749 करोड़ रूपए तथा पूंजीगत व्यय 589 करोड़ रूपए रखा गया है। 
          मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन और कड़े वित्तीय अनुशासन से राज्य की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई है। इस वर्ष अक्टूबर माह तक 898 करोड़ रूपए का राजस्व आधिक्य बना हुआ है। केन्द्र की तुलना में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 18 प्रतिशत से अधिक हैं। राज्य शासन द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता तथा जनकल्याणकारी योजनाओं के कारण प्रदेश के किसानों, मजदूरों और महिलाओं की आय और क्रय शक्ति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम आठ माह (अप्रैल से नवम्बर तक) हमने अभी तक बाजार से कोई ऋण नही लिया है, जबकि नवम्बर माह तक 6 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत व्यय राज्य के संसाधनों से किया जा चुका है। 
        मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 44 हजार 500 करोड़ अनुमानित है, जिसके विरुद्ध अक्टूबर माह तक 25 हजार 228 करोड़ प्राप्त हो चुके हैं। अतः राजस्व में वृद्धि के प्रयासों के फलस्वरूप इनमें और वृद्धि की संभावना है। उन्होंने कहा कि केन्द्र से 44 हजार 573 करोड़ रूपए राजस्व प्राप्तियां अनुमानित हैं, जिसके विरूद्ध अक्टूबर माह तक 21 हजार 332 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि केन्द्र की तुलना में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 18 प्रतिशत से अधिक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन और कड़े वित्तीय अनुशासन से गत वर्ष 2021-22 में 4 हजार 642 करोड़ का राजस्व आधिक्य बनाए रखने में हम सफल रहे। इस वर्ष अक्टूबर माह तक 898 करोड़ रूपए का राजस्व आधिक्य बना हुआ है। इससे स्पष्ट है कि राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है।
 मुख्यमंत्री ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्ष 2022-23 द्वितीय अनुपूरक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए 950 करोड़ रूपए, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए 129 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत राज्य में निर्मित राज्यमार्ग, मुख्य जिला सड़क, ग्रामीण सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण के लिए 200 करोड़ रूपए के साथ 47 शहरी और ग्रामीण सड़कों तथा पुलों के निर्माण के लिए आवश्यक प्रावधान किया गया है। 
इसी प्रकार ऊर्जा विभाग के अंतर्गत सौर सुजला योजना अंतर्गत सोलर कृषि पंपों की स्थापना हेतु 105 करोड़ रूपए, 05 एचपी तक के कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 112 करोड़ रूपए, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों में राहत हेतु इस अनुपूरक में 31 करोड़ रूपए, स्टील उद्योग के उपभोक्ताओं को विद्युत शुल्क में राहत देने हेतु 57 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। 
डॉ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत 250 करोड़ रूपए का प्रावधान

      मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय अनुपूरक बजट में डॉ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत 250 करोड़ रूपए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 200 करोड़ रूपए, मितानिन कल्याण निधि के लिए 25 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं सुदृढ़िकरण के लिए भी अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। रायपुर माना के 30 बिस्तर अस्पताल का 100 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन करते हुए 66 पदों का सृजन किया जाएगा। द्वितीय अनुपूरक में अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत चना प्रदाय हेतु 50 करोड़ रूपए, राईस फोर्टिफिकेशन योजना के लिए 34 करोड़ रूपए, 700 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में नाबार्ड की सहायता से गोदाम निर्माण हेतु 70 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार बस्तर क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन हेतु गठित डिस्ट्रिक्ट स्ट्राईक फोर्स के लिये 3 हजार 736 नवीन पदों के सृजन हेतु आवश्यक प्रावधान किया गया है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुपूरक में 5 नवीन जिलों-सक्ती, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी एवं खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिलों में संयुक्त जिला कार्यालय भवनों के निर्माण, नवीन जिलों में नवीन उपसंचालक कृषि कार्यालयों की स्थापना केे लिए अनुपूरक में 165 नवीन पदों तथा नवीन उपसंचालक उद्यानिकी कार्यालय की स्थापना के लिए 145 नवीन पदों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि 5 नवीन उद्यानिकी महाविद्यालय-कोतवा, सीतापुर, चिरमिरी, रामानुजगंज तथा चपका में और 3 नवीन कृषि महाविद्यालय-प्रतापपुर, शंकरगढ़ और पखांजूर में स्थापित किए जाएंगे। 
 मुख्यमंत्री ने बताया कि कैम्पा मद में 300 करोड़ रूपए, तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए 16 करोड़ रूपए, नवा रायपुर अटल नगर स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन लिमिटेड के लिए 100 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के अनुरक्षण हेतु 100 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत राज्यांश की प्रतिपूर्ति के लिए 6.49 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 
 मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास एवं पेयजल हेतु द्वितीय अनुपूरक में किए गए प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि नगरीय क्षेत्रों में सबके लिए आवास हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत 700 करोड़, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना में 70 करोड़,  स्वच्छ भारत अभियान में 20 करोड़, स्मार्ट सिटी मिशन योजना अंतर्गत 28 करोड़ रूपए,  नगरीय निकायों के जल आवर्धन योजना हेतु 20 करोड़ रूपए, नगरीय निकायों को स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क की राशि से अनुदान हेतु 60 करोड़ रूपए और जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत राज्यांश में 300 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। 
        मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा राज्य के प्रतिभागियों को लोक सेवा आयोग एवं व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अनुपूरक में आयोग के लिए 2.50 करोड़ रूपए तथा व्यावसायिक परीक्षा मंडल को व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 
         द्वितीय अनुपूरक में राज्य में स्थापित किए जाने वाले 15 नवीन शासकीय कला, वाणिज्य तथा विज्ञान महाविद्यालयों के लिए भी आवश्यक प्रावधान किए गए हैं, इनमें से 7 महाविद्यालय- लोहांडीगुड़ा, नांदघाट, दाढ़ी, देवरबीजा, सक्ती, बाजार अतरिया, जालबांधा सामान्य क्षेत्र में तथा तथा 8 महाविद्यालय- घोटिया, रघुनाथ नगर, रनहत, धनोरा, कुटरू, छोटेडोंगर, धौरपुर एवं पोड़ी बचरा आदिवासी क्षेत्रों में खोले जायेंगे। 
          इसी प्रकार राज्य में खुलने वाले 05 नवीन शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों की स्थापना के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। इनमें से 03 आदिवासी क्षेत्रों चिरमिरी, बगीचा एवं मरवाही तथा 02 थानखमरिया एवं पथरिया में खोले जायेंगे। इसी तरह 06 नवीन आईटीआई, सामरी, धनोरा, बिहारपुर, शिवनंदनपुर (बिश्रामपुर) तथा छोटेडोंगर आदिवासी क्षेत्रों में एवं 01 तोरला, विकासखण्ड-अभनपुर, जिला रायपुर के लिए प्रावधान किया गया है।  अनुपूरक में छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई केम्पस में 100 सीटर कन्या छात्रावास के लिए प्रावधान किया गया है। 
         द्वितीय अनुपूरक में बालोद जिले के डौण्डी में शहीद गैंद सिंह जी की आदम कद प्रतिमा, कांकेर जिले के पखांजूर में उनकी स्मृति में निर्मित स्मारक भवन की मरम्मत-बाउण्ड्री वाल निर्माण हेतु 22 लाख 83 हजार रूपए, शहीद वीरनारायण सिंह स्मारक एवं संग्रहालय भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 85 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार जिला मुख्यालय मुंगेली के लालपुर में गुरूघासी दास जयंती स्थल के सौंदर्यीकरण हेतु अनुपूरक में आवश्यक प्रावधान किया गया है।
         महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत वन स्टॉप संेटर सखी के संचालन और भवन के निर्माण के लिए 12.60 करोड़ रूपए, बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं योजना के अंतर्गत 3.30 करोड़ रूपए, सबला योजना के लिए 20 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 8.40 करोड़ रूपए, वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी स्मृति पुरस्कार हेतु 3 लाख रूपए, महिला हेल्प लाईन 181 के संचालन के लिए 60 लाख रूपए तथा सरगुजा में नारी निकेतन भवन निर्माण के लिए प्रावधान किया गया है।
          मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय अनुपूरक में राज्य युवा महोत्सव वर्ष 2022-23 के आयोजन के लिए 3 करोड़ रूपए, छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक हेतु 2 करोड़ रूपए, सांस्कृतिक समारोह के आयोजन के लिए 5.50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार उद्योगों के अधोसंरचनात्मक विकास एवं उन्नयन हेतु 10 करोड़ रूपए, नवीन औद्योगिक केन्द्रों की स्थापना के लिए 15 करोड़ रूपए, छुईखदान में सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना के लिए एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के क्रय पर सब्सिडी देने हेतु अनुपूरक में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान

        द्वितीय अनुपूरक में छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों के क्रय पर सब्सिडी देने हेतु अनुपूरक में 5 करोड़ रूपए, परिवहन में ओवरलोडिंग की समस्या के समाधान हेतु वे-ब्रिज की स्थापना हेतु 6 करोड़ 34 लाख रूपए, राज्य के रीजनल कनेक्टीविटी योजनांतर्गत निर्मित विमानतलों- बिलासपुर, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर के लिये आवश्यक सुरक्षा उपकरण क्रय हेतु 8 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
        इसी प्रकार द्वितीय अनुपूरक में प्रदेश में 07 नवीन अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों की स्थापना- बकावण्ड, छिंदगढ़, आवापल्ली, धौरपुर, शिवरीनारायण, रामानुजनगर और डौंडी में तथा 11 नवीन तहसील कार्यालयों की स्थापना- करपावंड, आमाबेड़ा, कोयलीबेड़ा, बान्दे, भटगांव, जगरगुण्डा, दोरनापाल, धुमका, चन्द्रपुर, कापू एवं पचपेड़ी हेतु आवश्यक प्रावधान किया गया है। द्वितीय अनुपूरक में केन्द्र-पोषित पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना में 17 करोड़ 37 लाख रूपए, द्वितीय अनुपूरक में 07 नवीन पुलिस चौकी- कोल्हेनझरिया, उपकरकच्छार, केरजू, सकर्रा, सिवनी, कोडगार, खोड़री की स्थापना, दन्तेवाड़ा में नवीन महिला थाना, नानपुर (बस्तर) एवं सरोना (कांकेर) में 02 नवीन पुलिस थाना तथा नवीन जिला खैरागढ़- छुईखदान-गण्डई में पुलिस अधीक्षक कार्यालय व पुलिस लाईन (रक्षित केन्द्र) की स्थापना हेतु कुल 672 पदों के सृजन सहित अनुपूरक में 60 लाख का प्रावधान किया गया है।
        द्वितीय अनुपूरक में हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के लिये स्थापना अनुदान मद में 4 करोड़ 50 लाख रूपए, जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 1 करोड़ 70 लाख रूपए, उच्च न्यायालय आवासीय परिसर एवं न्यायिक अधिकारियों के आवास- गृहों में निर्माण कार्यों के लिये 1 करोड़ 15 लाख रूपए, 5 नवीन जिलों में जिला कोषालयों की स्थापना हेतु अनुपूरक में आवश्यक प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में जाना जाता है। कोविड आपदा समय पत्रकार साथियों के असामयिक निधन के कारण उनके प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का संवेदनशील निर्णय हमारी सरकार द्वारा लिया गया है। इस हेतु अनुपूरक में 40 लाख का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।