राहुल गांधी न्यायपालिका से ऊपर नहीं, कोर्ट ने उनके दुर्भाग्य से दी उन्हें मुक्ति : अनुराग ठाकुर

राहुल गांधी न्यायपालिका से ऊपर नहीं, कोर्ट ने उनके दुर्भाग्य से दी उन्हें मुक्ति : अनुराग ठाकुर

नई दिल्ली ।  केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल व युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर प्रेस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान कोर्ट के निर्णय पर कांग्रेस के विरोध को अनुचित ठहराते हुए राहुल गांधी के लोकसभा से डिसक्वॉलिफिकेशन को संविधान व न्यायसंगत बताया है। अनुराग ठाकुर ने कहा, राहुल गांधी झूठ का पुलिंदा हैं। झूठे आरोप लगाना, बदनाम करना, अपमानित करना और आगे बढ़ जाना राहुल गांधी जी की आदत बन गई है। वह अपने आप को देश से बड़ा समझते हैं। अपने को संवैधानिक संस्थाओं से बड़ा समझते हैं, न्यायालय से बड़ा समझते हैं, संसद से बड़ा समझते हैं। राहुल गांधी जी खुद कह रहे थे की वो दुर्भाग्यवश सांसद हैं। आज उनको उस दुर्भाग्य से मुक्ति मिल गयी है। उनके साथ- साथ वायनाड के लोगों को भी इससे छुटकारा मिल गया है। 2018 में भी सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी थी तो कोर्ट ने कहा था कि आप भविष्य में ऐसा मत कीजिए लेकिन उसके बावजूद उन्होंने 2019 में भी मोदी सरनेम को लेकर जो कमेंट किया, यह मोदी जी के लिए गाली थी। यह पूरे ओबीसी समाज के लिए था, पिछड़े वर्ग के लिए था यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उनको माफी मांगनी चाहिए
राहुल गांधी जी इतने लम्बे समय तक लोकसभा सदस्य रहे पर अमेठी के लिए कभी कोई प्रश्न नहीं पूछा। इतने वर्षों में मात्र 21 डिबेट्स में भाग लिया। एक भी प्राइवेट मेंबर बिल लाना तो दूर लेकिन अपने ही सरकार द्वारा लाये गए आर्डिनेंस को नॉन सेंस बोलकर फाडऩे का काम राहुल गांधी जी ने किया। राहुल गांधी ने हमेसा खुद को सदन, सरकार, न्याय व्यवस्था व देश से ऊपर समझा है।
2018 में राहुल गांधी जी सुप्रीम कोर्ट में लिखित माफ़ी मांगी थी। कोर्ट ने भविष्य में ऐसी गलती करने से चेताया था। परन्तु 2019 में एक नहीं बल्कि कई बार उन्होंने अभद्र भाषा, झूठे आरोप व अपमानजनक बातें बोलीं। सभी चोर मोदी हैं, किसी को भी किसी की हत्या से जोड़ देना, कुछ भी कह देना और सोचना की उन्हें देश में कुछ हो ही नहीं सकता क्युकी वो देश के ऊपर हैं ये राहुल गांधी की सोच बन चुकी थी।
लिली थॉमस केस में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद बिलकुल स्पष्ट है की 2 वर्षों के एंड और दोष सिद्ध होने के बाद उसपे रोक नहीं लगी तो आप ससपेंड माने ही जाते हो। लोकसभा ने तो इसकी पुष्टि मात्र की है। लोकसभा के स्पीकर को इसमें कुछ करने की जरूरत ही नहीं। ये डिसिजन संविधान के रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपल एक्ट के सेक्शन 8 , आर्टिकल 102 (1) द्ग के पूर्णत: अनुरूप है। इससे पहले भी लालू यादव, आज़म खान, विक्रम सैनी, मोहम्मद फैसल जैसे कई नेता हैं जो डिसक्वालिफाई हो चुके हैं।
राहुल गांधी की एक और ख़ास बात ये की वो एक केस में नहीं बल्कि 7 अलग अलग मामलों में जमानत पर हैं। नेशनल हेराल्ड केस अलग है। इसके अलावा इन्हें कई मामलों में अपने झूठ और अनर्गल प्रलापों के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी है। 
राहुल गांधी ने मोदी जी के ऊपर एक बार नहीं बल्कि बार बार अपशब्दों का प्रयोग कर उन्हें अपमानित किया। इससे भी आगे बढ़कर उन्होंने एक पूरी बिरादरी को अपमानित किया।
जब ये वायनाड से सांसद बने तो इन्होने अमेठी वालों व उत्तर भारतियों के लिए अपशब्द बोल दिया। जम्मू कश्मीर गए तो लोकल को नौकरी मिले बोल के बांटने का काम किया। असम गए तो चाय की बात कर गुजरात से दरार पैदा करना शुरू कर दिया। ये देश में भारत को यूनियन ऑफ़ स्टेट्स बताते हैं और बाहर जाकर भारत को यूरोपियन यूनियन जैसा बता के चले आते हैं। ये अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानते। भारत के वैक्सीन पर गलत बयानबाजी करते हैं।