-खराब प्रदर्शन पर विभाग के निजीकरण की चेतावनी
-यूजर चार्ज, नल-जल कर एवं लंबित शुल्क वसूली पर कड़े निर्देश
दुर्ग। नगर पालिक निगम दुर्ग में शुक्रवार को आयोजित राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक में महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी। महापौर ने कहा कि नगर निगम की वित्तीय स्थिति मजबूत रखने के लिए बकाया वसूली में तेजी अनिवार्य है, अन्यथा विभाग का निजीकरण भी विकल्प बन सकता है।
राजस्व वसूली को सर्वोच्च प्राथमिकता दें ..
महापौर ने राजस्व अधिकारी आर.के. बोरकर, सहायक राजस्व अधिकारी थानसिंह यादव व संपूर्ण अमले को निर्देशित किया कि बकाया राशि की वसूली को प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-निजीकरण की सख्त चेतावनी ..
बैठक के दौरान महापौर ने साफ कहा “यदि वसूली का प्रदर्शन अपेक्षानुसार नहीं रहा, तो निगम राजस्व वसूली कार्य को निजी एजेंसी को सौंपने पर विचार करेगा।”
इस बयान ने अधिकारियों के बीच स्पष्ट संदेश दिया कि अब परिणाम आधारित कार्य ही स्वीकार्य रहेगा।
-यूजर चार्ज की कठोर वसूली का निर्देश ..
महापौर ने यूजर चार्ज की कम वसूली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं पर नल कटौती और वारंट जारी करने की कार्रवाई तुरंत शुरू की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में वसूली कम है, वहां विशेष टीम गठित कर अभियान चलाया जाए।
-100% वसूली का लक्ष्य ..
महापौर बाघमार ने विभाग को स्पष्ट रूप से 100 प्रतिशत वसूली प्राप्त करने का लक्ष्य देते हुए कहा कि सभी वार्डों में नियमित समीक्षा और फील्ड विजिट सुनिश्चित की जाए।
-मांगलिक भवनों और अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई ..
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि— मांगलिक भवनों, निजी अस्पतालों, एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से लंबित कर, उपयोग शुल्क एवं अन्य बकाया राशि की वसूली के लिए तत्काल विशेष अभियान संचालित किया जाएगा।
महापौर ने अंत में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि ईमानदारी, गंभीरता और पारदर्शिता के साथ राजस्व वसूली कार्य को गति दें, ताकि निगम के विकास कार्य निर्बाध रूप से जारी रह सकें।
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