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हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भाषा, विदेश में भी लोगों में इसके प्रति आकर्षण  

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-अमेरिका में हिंदी की सेवा रहे भिलाई मूल के मयंक का स्कूली बच्चों से संवाद
भिलाई।
अमेरिका में रह कर हिंदी भाषा की सेवा कर रहे भिलाई मूल के मयंक जैन ने शुक्रवार 28 नवंबर की सुबह भिलाई विद्यालय सेक्टर-2 में विद्यार्थियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने हिंदी की वैश्विक उपस्थिति पर रोचक जानकारी दी और करियर से जुड़े विभिन्न विषयों पर विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब दिए।  छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित इस संवाद में इसी विद्यालय के 1993 बैच के छात्र मयंक जैन और 1992 के छात्र लेखक व पत्रकार मुहम्मद जाकिर हुसैन का आत्मीय स्वागत किया गया। प्राचार्य विजय सिंह पवार ने अपने स्वागत उद्बोधन में उम्मीद जताई कि इस संवाद का लाभ विद्यार्थियों को जरूर मिलेगा। 
उल्लेखनीय है कि मयंक जैन पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और अमेरिका में अपनी संस्था हिंदी-यूएसए के माध्यम से हिंदी भाषा के विकास में लगातार कार्य कर रहे हैं। विद्यार्थियों ने संवाद की शुरुआत करते हुए मयंक जैन ने स्वामी विवेकानंद के प्रेरक वाक्य “उठो, जागो, और तब तक मत रूको, जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए “ को उद्धृत करते हुए अनुशासन का महत्व बताया। 

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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सही दिशा में अपना विकास करना है तो एक सही और सच्चा मार्गदर्शक बना के रखो और उनके निर्देशों का निष्ठा पूर्वक पालन करो। हिंदी के प्रति किए जा रहे अपने कार्यों का उल्लेख करते हुए मयंक ने बताया कि वहां ज्यादातर भारतीय मूल के लोग ही हिंदी लिखने-पढ़ने में रुचि दिखाते हैं लेकिन भाषाओं के प्रति सम्मान रखने वाले अमेरिकी मूल के अन्य देशों के लोग भी हिंदी के प्रति आकर्षण रखते हैं। उन्होंने बताया कि हिंदी वर्तमान में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। 
इस दौरान मयंक जैन ने अपने छात्र जीवन से इस मुकाम तक पहुंचने के सभी पड़ावों का संक्षेप में उल्लेख किया। उन्होंने छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के अवसर तथा करियर की दिशा में आगे बढ़ाने के तरीकों की उपयोगी जानकारी प्रदान की। संवाद सत्र में विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक कई प्रश्न पूछे। करियर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मयंक जैन ने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए हिंदी भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भी अत्यंत आवश्यक है। 
इस अवसर पर लेखक व पत्रकार मुहम्मद जाकिर हुसैन ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के महत्व से विद्यार्थियों को अवगत कराया तथा वर्तमान में छत्तीसगढ़ी की वैश्विक उपस्थिति के संबंध में भी रोचक जानकारी दी। 

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विद्यालय की संगीत शिक्षिका श्रीमती रजनी रजक ने छत्तीसगढ़ी और हिंदी में सुंदर काव्यात्मक प्रस्तुति दी। विद्यालय के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के सहयोग से आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें वरिष्ठ व्याख्याता देवेन्द्र कुमार साहू, पवन कुमार अग्रवाल,सविता धपवाल, श्रवण कुमार साहू, वंदना सोनवाने, सजीथा राजेश, सुनीता अनिल, एस के खोबरागडे, परवेज़, गोवर्धन साहू, नेहा, यास्मीन, अर्पिता, पद्मावती, विशाखा, पूर्णिमा, फातहिन, मनीषा, एम एम राव और सभी शालेय परिवार की गरिमामयी उपस्थिति रही l सभी अतिथियों का शाला की वरिष्ठ व्याख्याता सरिता शाक्य ने आभार प्रदर्शन किया। अंत में विद्यालय की तरफ अतिथियों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।

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