दुर्ग। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग द्वारा बाल दिवस के अवसर पर जिले के कई काॅलेज, विद्यालयों बी.एम. कॉलेज दुर्ग, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी उच्च माध्यमिक विद्यालय दुर्ग, शासकीय माध्यमिक शाला पोटिया सहित अन्य स्थानों पर विधिक साक्षरता शिविरों का सफल आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रमों में जिला एवं सत्र न्यायालय, दुर्ग के कुल छह माननीय न्यायाधीशगण उपस्थित रहे।
बी.एम. कॉलेज दुर्ग में आयोजित शिविर में माननीय न्यायाधीश ने बच्चों को बाल दिवस मनाने के उद्देश्य के साथ-साथ घरेलू हिंसा अधिनियम, संविधान में दिए गए अधिकार एवं कर्तव्य, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, मोटरयान अधिनियम तथा करियर दिशा-निर्देशन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं।
स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी उच्च माध्यमिक विद्यालय दुर्ग में आयोजित शिविर में तीन माननीय न्यायाधीशों ने विद्यार्थियों को बाल दिवस के महत्व, साइबर अपराधों से बचाव और करियर निर्माण से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सरल भाषा में समझाईं।
शासकीय माध्यमिक शाला पोटिया में आयोजित शिविर में दो माननीय न्यायाधीश उपस्थित थे। उन्होंने बच्चों को कानून और न्याय की बुनियादी अवधारणाओं को सरल शब्दों में बताया, न्यायालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया तथा विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों का समाधान भी किया। साथ ही उन्होंने बच्चों को न्यायालय भ्रमण के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे न्यायिक प्रक्रिया को नज़दीक से समझ सकें।
इन सभी कार्यक्रमों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के पी.एल.वी. ने बाल अधिकार, बाल सुरक्षा और बच्चों की कानूनी जागरूकता को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रयास किए। इन शिविरों से छात्रों को व्यापक रूप से लाभ मिला और उन्होंने कानून तथा अपने अधिकारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
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सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
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