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धूमधाम से मनाई गई श्री काल भैरव जयंती, श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में हुआ हवन-पूजन व महाआरती 

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी जहां सभी पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। 12 नवम्बर को पूरे जिले के एक मात्र स्थान श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा दुर्ग में श्री भैरव अष्टमी के अवसर पर श्री काल भैरव जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई जिसमें विभिन्न धार्मिक आयोजन आयोजित किये गए।
  श्री काल भैरव जयंती के अवसर पर माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा, दुर्ग में स्थापित मनोकामना सिद्ध श्री काल भैरव जी की मूर्ति का 12 नवम्बर को प्रातः 10 बजे से महाअभिषेक किया गया अभिषेक में मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सुनील पांडेय द्वारा दूध, दही, विभिन्न प्रकार की औषधियों एवं वस्तुओं से भैरव का अभिषेक कराया गया। अभिषेक के पश्चात पूजन एवं हवन कराया गया, पूजन अभिषेक के मुख्य जजमान पार्षद कुलेश्वर साहू सपत्नी थे, हवन एवं पूजन कार्य मे प्रातः 11 बजे से ही धर्मप्रेमियों की भारी मात्रा में उपस्थिति रही। पूजन पश्चात बाबा जी की आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।
   हवन पूजन के पश्चात सँध्या 5 बजे से महिला मण्डली द्वारा श्री काल भैरव चालीसा का पाठ सुंदर एवं मधुर भजनों के साथ किया गया, जिसमें भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।

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   समित्ति के नंदू रंजीता ब्राम्हणे ने बताया कि संध्या 7:30 बजे श्री काल भैरव जी की 108 दीपों एवं 108 पूजा थाल से महाआरती की गयी जिसमें सेकड़ो धर्मप्रेमी उपस्थित हुए, और अपने हाथों में पूजा थाल लेकर भैरव बाबा की आरती किये। आरती पश्चात पुष्पांजलि की गयी, एवं भैरव बाबा जी का जयकारा लगाया गया, जिससे पूरे गंजपारा में भैरव बाबा की जय घोष गूंजता रहा, आरती के पश्चात प्रसादी का आयोजन रखा गया। जिसमे सभी धर्मप्रेमियों को भैरव बाबा जी का विशेष प्रसाद खिचड़ी, कचोरी, मूंग बड़ा, बेसन लड्डू का वितरण किया गया। 
1000 से अधिक धर्मप्रेमियों ने प्रसादी ली.. 
कार्यक्रम में श्री काल भैरव जी की महिमा का वर्णन करते हुए मंदिर के पुजारी सुनील पांडेय ने बताया कि काल भैरव जयंती से आने वाले 41 दिन तक काल भैरव चालीसा का पाठ करने एवं पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति एवं सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
सुनील पांडेय ने बताया कि कार्तिक माह की कालाष्टमी का विशेष फलदायी होती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष के आठवें दिन कालाष्टमी होती है जिसे काल भैरव जयंती भी कहते हैं। काल भैरव का स्वरूप विकराल एवं क्रोधी है। काल भैरव के एक हाथ में छड़ी होती हैं और उनका वाहन काला कुत्ता होता है इसलिए भैरव रूप में काले कुत्ते को भोजन करवाने का भी विशेष महत्व बताया जाता है। 

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श्री काल भैरव जयंती के अवसर पर माँ दुर्गा मंदिर में विशेष साज-सज्जा की गई थी एवं आकर्षित फूलों से श्री काल भैरव मंदिर को सजाया गया था। दुर्ग जिले में एक मात्र स्थान में श्री काल भैरव जयंती के आयोजन होने से सुबह 9 बजे से लेकर देर रात्रि तक गंजपारा दुर्ग में हजरों भक्तों ने श्री काल भैरव जयंती के इस आयोजन का लाभ लिया, आरती एवं अभिषेक में शामिल होकर प्रसादी लिए।
   आयोजन में महेश टावरी योगेन्द्र शर्मा बंटी कुलेश्वर साहू पार्षद प्रतिभा सुरेश गुप्ता पार्षद राजेश शर्मा संजय पुरोहित निर्मल शर्मा सुरेश गुप्ता महेश गुप्ता राहुल शर्मा मनोज शर्मा गोपाल शर्मा मनीष सेन अर्जित शुक्ला महेश गुप्ता राकेश चक्रधारी रिषी गुप्ता हर्षद पारख मोहित पुरोहित महेंद्र साहू सोनल सेन आशीष मेश्राम सुजल शर्मा लक्की अग्रवाल लिटिल शर्मा लक्की पुरोहित मितेश पटेल चिंटू शर्मा चंदा शर्मा मिथिला शर्मा सरिता शर्मा किरण सेन चंचल शर्मा पिंकी पुरोहित चंचल ललित शर्मा सुमन शर्मा लक्ष्मी शर्मा शिल्पी शर्मा शोभा गुप्ता लक्ष्मी यादव संध्या वर्मा आभा शर्मा संध्या शर्मा ममता राधा कुलेश्वरी जायसवाल मनोज श्रीवास्तव घनश्याम पंड्या नरेन्द्र शर्मा प्रवीण गर्ग विजय गुप्ता एवं हजारों धर्मप्रेमी उपस्थित थे।

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