होम / दुर्ग-भिलाई / दीपावली बनी सेवा का पर्व आर्य समाज ने फील परमार्थम में जगाया मानवता का दीप
दुर्ग-भिलाई
-डॉ. अजय आर्य की प्रेरणा से आर्य समाज की टीम ने जरूरतमंदों के बीच बाँटा प्रेम, मिठाई और मुस्कान
-“सच्ची दीपावली वही, जो किसी और के जीवन में उजाला करे” सेवा भाव से छलकी हेमा सक्सेना की आँखें
भिलाई। आर्य समाज के वैदिक आचार्य डॉ. अजय आर्य की प्रेरणा से आर्य समाज की सेवा टीम ने दीपावली के पावन अवसर पर भिलाई स्थित फील परमर्थम फाउंडेशन में पहुँचकर मानवीय सेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। इस सेवा कार्य में उनके साथ श्रीमती हेमा सक्सेना और आचार्य अंकित शर्मा शास्त्री सक्रिय रूप से शामिल रहे। टीम ने सबसे पहले सेक्टर 6 स्थित साईं मंदिर क्षेत्र के आसपास रह रहे बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के बीच पहुँचकर मिठाई के डिब्बे और धनराशि वितरित की। इसके पश्चात् उन्होंने सेक्टर–8 स्थित वृद्ध आश्रम में जाकर वहाँ रह रहे 35 बुज़ुर्ग जनों को दीपावली की मिठाई, बिस्कुट, नमकीन और आवश्यक सहयोग प्रदान किया। वातावरण करुणा और आत्मिक स्नेह से भर उठा। सेवा कार्य से भावविभोर श्रीमती हेमा सक्सेना की आँखें नम हो गईं। उन्होंने कहा- “यहाँ आकर महसूस हुआ कि सच्चे हीरो वही हैं जो इन बुज़ुर्गों और बेसहारा लोगों की सेवा में जीवन समर्पित कर रहे हैं। आज जो आत्मिक संतुष्टि मिली, वह धन, वैभव या मनोरंजन से कहीं अधिक है। डॉ. अजय आर्य जैसे प्रेरक व्यक्तित्व से जुड़कर महसूस होता है कि यह दुनिया खूबसूरत है — और हम सब मिलकर इसे और खूबसूरत बना सकते हैं।”
‘फील परमर्थम’ संस्था में वर्तमान में कई मानसिक एवं शारीरिक रूप से अस्वस्थ, बेघर और त्यागे गए लोग रहते हैं। इनमें से अनेक अपने घर-परिवार से बिछुड़ चुके हैं या समाज द्वारा उपेक्षित हैं। संस्था न केवल उन्हें भोजन, वस्त्र और आश्रय देती है, बल्कि उनके पुनर्वास एवं परिजनों से मिलाने का प्रयास भी करती है। कई बार जानकारी मिलने के बाद भी परिवारजन उन्हें स्वीकार नहीं करते, फिर भी संस्था अपने मानवीय कर्तव्य से पीछे नहीं हटती। फील परमर्थम फाउंडेशन वर्ष 2018 में अमित राज द्वारा स्थापित एक पंजीकृत सामाजिक संस्था है, जो “सेवा को महसूस करने” के भाव से कार्य करती है। कोविड काल से लेकर आज तक यह संगठन भिलाई और आस-पास के क्षेत्रों में हजारों जरूरतमंदों तक भोजन, राहत और पुनर्वास सहायता पहुँचा चुका है। अमित राज के नेतृत्व में संस्था मानवता, करुणा और संवेदना की सजीव मिसाल बन चुकी है। डॉ. अजय आर्य ने इस अवसर पर कहा – “दीपावली का वास्तविक अर्थ केवल अपने घरों में दीये जलाना नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में भी उजाला फैलाना है। जब हम बेसहारा, वृद्ध या पीड़ित लोगों की सेवा करते हैं, तभी सच्चे अर्थों में दीप पर्व का संदेश साकार होता है।” समाज के सभी नागरिकों से अपील की गई कि वे अपनी दीपावली जरूरतमंदों के साथ मनाएँ, ताकि हर घर, हर दिल में प्रेम, दया और करुणा का प्रकाश फैल सके।
सेवा कार्य के सहयोगी..
शिपि आर्य, दिव्या देशपांडे, परमवीर भला, गोपाल आर्य, रवि आर्य, सुदर्शन गुप्ता, राजकुमार भला, कमलेश आर्य, प्रकाश डोनेट, अनुपमा उपाध्याय, पुष्पा बड़ा, प्रतिष्ठा मिश्रा, जवाहरलाल सरपाल लक्ष्य आदि ने सहयोग किया।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.