होम / ब्रेकिंग / धान की सरकारी खरीद के लगभग एक हजार करोड़ रुपए के शुल्क का भुगतान राज्य सरकार ने अभी तक मंडी समितियों को नहीं किया है - छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन
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दुर्ग। राज्य सरकार ने पिछले साल राज्य के किसानों से लगभग एक करोड़ पचास लाख टन धान की सरकारी खरीद किया था जिसके लिए सरकार को प्रदेश के संबंधित कृषि उपज मंडी समितियों को 5-6 सौ करोड़ रुपए मंडी एवं अन्य शुल्क के लिए भुगतान किया जाना था किन्तु राज्य सरकार ने आज एक साल तक भी संबंधित मंडी समितियों को शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है। इसके पूर्व की कांग्रेस सरकार ने भी पूर्व के सालों में धान की सरकारी खरीद किया था जिसके लिए संबंधित मंडी समितियों को शुल्क का भुगतान नहीं हुआ है। इस प्रकार मंडी समितियों को सरकार से लगभग एक हजार करोड़ रुपए शुल्क के रूप में मिलना बाकी है, भाजपा सरकार ने पिछले साल दुर्ग जिले से धान की सरकारी खरीद किया था जिसके लिए अकेले कृषि उपज मंडी समिति दुर्ग को राज्य सरकार से लगभग 25 करोड़ रुपए शुल्क के रूप में लेना बाकी है।
प्रेस के लिए जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक एड राजकुमार गुप्त ने बताया है कि मंडी समिति किसानों की समिति होती है, धान खरीदी के करोड़ों रुपए शुल्क का भुगतान नहीं करके वर्तमान भाजपा और पूर्व के कांग्रेस सरकार ने राज्य के किसानों को आर्थिक चोट पहुंचाई है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि किसान दोनों सरकारों की प्राथमिकता में नहीं है। करोड़ों रुपए शुल्क का भुगतान नहीं होने से मंडी समितियों की आर्थिक स्थिति जर्जर हो गई है, राज्य सरकार ने इस साल धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू करने का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने राज्य सरकार से मांग किया है खरीदी शुरू होने से पहले मंडी समितियों को बकाया शुल्क की राशि का भुगतान संबंधित मंडी समितियों को किया जाये।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक एड राजकुमार गुप्त ने कहा है कि पिछले अनेक वर्षों से राज्य सरकारों ने कृषि उपज मंडी समितियों का चुनाव नहीं कराया है और किसानों को मंडी समितियों में चुने जाने के अधिकार से वंचित रखा गया है, इसके लिए भाजपा की वर्तमान और पूर्व की कांग्रेस सरकार दोनों ही जिम्मेदार हैं। मंडी समितियों में या तो सरकार अपने लोगों को अध्यक्ष नामित करते हैं अथवा जिला कलेक्टर को प्राधिकृत अधिकारी बनाया जाता है जो मनमाने ढंग से मंडियों को संचालित करते हैं। मंडी समितियां भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए हैं, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने राज्य सरकार से मंडी समितियों का चुनाव शीघ्र कराने और किसानों को उनके अधिकार देने की मांग की है।
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