रायपुर । बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। वे राजधानी रायपुर के गुढिय़ारी क्षेत्र में आयोजित हनुमान कथा महोत्सव में भाग ले रहे हैं। यह पांच दिवसीय धार्मिक आयोजन 4 अक्टूबर से शुरू हुआ है और 8 अक्टूबर तक चलेगा।
रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर से अपने विशेष जुड़ाव को व्यक्त करते हुए कहा कि यह तीसरा अवसर है जब वे यहां कथा सुना रहे हैं। उन्होंने रायपुर की जनता के स्नेह और श्रद्धा को विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की धरती वह भूमि है, जहां विरोध के स्वर सबसे पहले उठे थे, लेकिन यह अब विजय और बदलाव की भूमि बन रही है। यहाँ का माहौल तेजी से सकारात्मक परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है।
धर्मांतरण पर जताई नाराजगी
धर्मांतरण के मुद्दे पर पं. शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जबरन या छलपूर्वक धर्म बदलवाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पाखंड और अंधविश्वास फैलाकर धर्मांतरण कराना पाप है और इसके लिए कड़ी सजा, यहां तक कि फांसी की सजा भी विचार योग्य है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देशभर में योजनाबद्ध तरीके से हिंदू समाज को डराने और भ्रमित करने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी के विरोध में वे छत्तीसगढ़ में शीघ्र ही पदयात्रा का आयोजन करने वाले हैं।
नक्सलवाद और शासन पर टिप्पणी..
शास्त्री जी ने छत्तीसगढ़ में घटते नक्सल प्रभाव की सराहना करते हुए कहा कि यह राज्य अब शांति और विकास की दिशा में अग्रसर है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से अपेक्षा जताई कि वह धर्मांतरण जैसे गंभीर मुद्दों पर और अधिक सक्रिय भूमिका निभाए।
अपने घर को पहचानो का संदेश..
अपनी शैली में संबोधन करते हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री ने समाज को आत्मचिंतन का संदेश देते हुए कहा, अपने घर के पिता को ही पिता मानो, पड़ोसी के अंकल को नहीं। उनका यह वक्तव्य सांस्कृतिक पहचान और मूल्यों की रक्षा की ओर संकेत करता है।
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