रायपुर । नवरात्रि के दौरान महाअष्टमी पर मिलने वाली सरकारी छुट्?टी को इस बार खत्म कर दिया गया है। इसके स्थान पर प्रशासन ने इसकी जगह नुवा खाई पर छुट्?टी दे दी थी। इस फैसले का रायपुर जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं ने विरोध किया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह निर्णय बड़ी संख्या में हिंदू श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है। इस मामले को लेकर अधिवक्ताओं मुख्यमंत्री और सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र को भी लिखा है। वहीं कलेक्टर लेवल पर निकले इस आदेश पर जिला कलेक्टर गौरव सिंह का कहना है कि आदेश निकल चुका है। इस पर अब बात करने का कोई अर्थ नहीं निकलता। अब अष्टमी पर छुट्?टी बहाल करना संभव नहीं। अधिवक्ता संघ के विवेक तनवानी ने कहा कि सभी जाति और धर्मों के लोग नवरात्रि पर्व को उत्साह, हर्षोल्लास और विधि-विधान से मनाते हैं। ऐसे में महाअष्टमी पर छुट्टी घोषित करना धार्मिक आस्थाओं के सम्मान की दिशा में जरूरी कदम होगा। अधिवक्ताओं ने पूरे मामले पर सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए महाअष्टमी पर भी स्थानीय अवकाश घोषित करे। ताकि श्रद्धालुओं को धार्मिक आयोजनों में शामिल होने का अवसर मिल सके। महिला अधिकारियों में खासा आक्रोश जिला न्यायालय की महिला अधिवक्ताओं को इस मामले पर ज्यादा आपत्ती है। महिला अधिवक्ताओं ने भास्कर को बताया कि अष्टमी विशेष होती है। हवन-पूजन के बाद कन्या भोज होता है। इसकी तैयारी करनी होती है। सरकार ने शैक्षणिक छुट्?टी तो दे दी है। बच्चे अकेले घर पर रहेंगे। इस तरह का फैसला समझ से परे हैं। महिलाओं का कहना है इस दिन अधिकतर लोग व्रत रहते हैं। अब तक छुट्?टी दी जा रही थी, फिर पता नहीं अचानक सरकार को क्या हो गया? एक पक्ष को खुश करने के लिए, पूरे हिन्दू समाज को दरकिनार कर देना गलत है।
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