-सही खानपान, पानी की पूर्णता और भरपूर नींद से होगी शरीर की असली शुद्धि
रायपुर। घट स्थापना के साथ ही देवी उपासना के महापर्व नवतरात्र की शुरूआत हो चुकी है। पर्व के आते ही घरों से लेकर गली-मुहल्लों में माता उपासना के मंत्र और भक्ति में लोग लीन हैं। चहूं ओर नवरात्र महापर्व की धूम है। यह क्रम नौ दिनों तक चलेगा और इस दौरान डांडिया भी किया जाएगा। नौ दिनों तक व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि व्रत से शरीर की शुद्धि होती है मगर चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि नवरात्र में आस्था के साथ-साथ स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी है। चिकित्सकों का कहना है कि व्रत के दूसरे-तीसरे दिन से ही थकान, चक्कर आना, सिरदर्द या कमजोरी जैसी समस्याओं की शिकायत करते हैं। व्रत मुख्य रूप से शरीर को डिटॉक्स कर और तरोताजा करता है। इसलिए छोटी सी सावधानी रखकर हम त्योहार को और भी बेहतर बना सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें और गलतियों को सुधारकर यानि सही खान-पान, पानी की पूर्णता और भरपूर नींद लेकर हम आस्था के साथ ही शरीर को भी शुद्ध कर सकते हैं। इसके लिए पर्याप्त पानी पीना, संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार (दही, मेवे, फल) लेना, गरिष्ठ भोजन से बचना और ध्यानपूर्वक भोजन करना ज़रूरी है, जिससे शरीर को ज़रूरी पोषण मिले और डिहाइड्रेशन, कमजोरी व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं न होंढ्ढ इनसे बचना है जरूरी चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. निकिता जैन का कहना है कि सिर्फ जरूरी पोषक तत्वों की कमीं से परेशानी होती है। व्रत के दौरान आलू और तली चीजें खाना, पानी कम पीना, फलों पर ज्यादा निर्भर रहना, नमक नहीं खाना भी शरीर में कमजोरी, ब्लड शूगर लेवल पर असर डालता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नवरात्र के उपवास को आस्था और सेहत दोनों के साथ निभाना चाहिए। यह ध्यान रखना है जरूरी तले हुए खाने से बचना चाहिए। दही खाया जा सकता है। सुबह दही, फल और नट्स खाएं। दिनभर में 8-10 ग्लास पानी पीएं। चीनी या शक्कर से बनी हुई चीजें कम खाएं। तली और भुनी हुई चीजें सुबह या एक दम पहले आहार के रुप में लेने से बचें या कम खाएं।
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