-मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में दुर्ग में गिरफ्तार की गई थी नन
दुर्ग। दुर्ग में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में दो ईसाई ननों की गिरफ्तारी के बाद अब यह मामला पूरी तरह राजनीतिक रंग ले लिया है। गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को कांग्रेस सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ने दुर्ग केन्द्रीय जेल पहुंचकर ननों से मुलाकात की। मुलाकात उपरांत कांग्रेस सांसदों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस घटना को अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में सांसद के. फ्रांसिस जॉर्ज, बेनी बहनान, सप्तगिरी उल्का, एनके प्रेमचंद्रन, अनिल ए. थॉमस, इन्ग्रिड मैकलाउड, जरीता लैतफलांग शामिल रहे। इन नेताओं ने ननों से मुलाकात के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे कांग्रेस हाईकमान को सौंपा जाएगा। कांग्रेस सांसदो के प्रतिनिधिमंडल में शामिल केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने इस मामले को माइनॉरिटीज पर अटैक करार देते हुए कहा कि दो धार्मिक महिलाओं को झूठे और आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। ये महिलाएं 21, 23 और 25 वर्ष की युवतियों को काम दिलाने ले जा रही थीं। बजरंग दल द्वारा बिना प्रमाण उन पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगा गया है। प्रेमचंदन ने कहा कि यह धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर हमला है और ऐसा ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में लगातार हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी शासित राज्यों में ईसाई समुदाय पर हमले बढ़े हैं। कांग्रेस सांसदों ने ऐलान किया है कि इस मुद्दे को कल लोकसभा में उठाया जाएगा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की कोशिश की जाएगी। जरूरत पड़ी तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करेंगे। कांग्रेस सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के दुर्ग केन्द्रीय जेल पहुंचने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व विधायक अरुण वोरा, पूर्व महापौर आरएन वर्मा, प्रदेश कांग्रेस सचिव अय्यूब खान के अलावा कांग्रेस के अन्य स्थानीय नेता मौजूद रहे।
बताया गया है कि कांग्रेस सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दुर्ग केन्द्रीय जेल पहुंचा, तो पहले उन्हें जेल प्रबंधन द्वारा ननों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे प्रतिनिधिमंडल वापस लौट गया था। बताया गया है बाद में छग के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को जेल प्रबंधन द्वारा ननों से मिलने की अनुमति दी गई।
सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार की सुबह दुर्ग शहर के पूर्व विधायक अरुण वोरा के पद्मनाभपुर स्थित निवास भी पहुंचा था। यहां प्रतिनिधिमंडल ने श्री वोरा से मुलाकात की और राजनीतिक गतिविधियों पर आवश्यक चर्चा की। तत्पश्चात कांग्रेस सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ननों से मिलने केन्द्रीय जेल पहुंचा। वहीं दूसरी ओर जीआरपी दुर्ग ने मामले में धर्मांतरण और मानव तस्करी की पुष्टि करते हुए तीन महिलाओं को 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेजा है और नारायणपुर में जांच टीम रवाना की गई है। बता दें कि बजरंग दल द्वारा 25 जुलाई की सुबह दुर्ग रेल्वे स्टेशन में संदिग्ध 1 युवक एवं 2 युवतियों को पकड़कर जीआरपी पुलिस के सुपूर्द किया गया था। ये संदिग्ध युवक व युवतियां अपने साथ 3 अन्य युवतियों को नारायणपुर से आगरा ले जा रहे थे। बजरंग दल का आरोप था कि ये संदिग्ध युवक और 2 नन प्रीति मेरी व वंदना फ्रांसिस धर्मांतरण एवं मानव तस्करी के रैकेट से जुड़े हुए है।
उनके पास मिली 3 अन्य युवतियों को वे बहला फुसलाकर व प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण करा दिया गया है। इस मामलेे बजरंग दल के रवि निगम सुपेला भिलाई निवासी द्वारा जीआरपी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराकर संदिग्ध युवक व युवतियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई थी। मामले में जीआरपी द्वारा धारा 143 की कार्यवाही कर मामले को जांच पर लिया गया है।
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