-अरुण वोरा सुबह 6 बजे से जमीनी दौरे पर,"प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने की आवश्यकता है": अरुण वोरा
-करंट, जलभराव और जानलेवा जोखिम के बीच भी नहीं पहुँची प्रशासनिक टीमें — हर साल की तरह इस बार भी मैदान में दिखे केवल अरुण वोरा
दुर्ग। शहर में बीते 8 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। ज़िले में औसतन 29.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। हर वार्ड में जलभराव, बिजली के करंट का खतरा, और लोगों के घरों में सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीवों के घुसने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है, लेकिन स्थिति की गंभीरता के बावजूद अब तक प्रशासनिक टीमें अधिकांश जगहों पर नहीं पहुँची हैं।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा आज सुबह 6 बजे ही शहर के हालात का जायज़ा लेने के लिए स्वयं सड़कों पर उतर आए।
उन्होंने केंद्रीय विद्यालय सहित शहर के कई जलभराव वाले क्षेत्रों का दौरा किया और स्कूल में भरे पानी की स्थिति पर चिंता जताई। वहाँ उपस्थित बच्चों से संवाद कर उन्हें पढ़ाया और उनका हालचाल जाना। इसके बाद वोरा ने शहर के विभिन्न मोहल्लों, मुख्य बाज़ारों और झुग्गी बस्तियों का दौरा कर स्थानीय नागरिकों से बातचीत की और प्रशासन को तत्काल राहत देने के निर्देश देने की मांग की।
इस दौरान उन्होंने प्रशासन से विशेष रूप से झोपड़पट्टी इलाकों में राहत पहुंचाने और स्वास्थ्य टीमों की तैनाती की अपील की। उन्होंने कहा कि "अब केवल निरीक्षण से नहीं, तुरंत कार्रवाई से ही लोगों को राहत मिलेगी।"
-शंकर नाला से बढ़ी मुसीबत, शंकर नगर जलमग्न
दुर्ग शहर के 11 वार्डों से होकर गुज़रने वाला करीब 12 मीटर चौड़ा शंकर नाला पूरी तरह से भर चुका है, जिसके चलते शंकर नगर क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो गया है। स्थिति इतनी गंभीर है कि घर-घर में 2-2 फीट तक पानी भर गया है। लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं और सड़कों पर खड़े होकर मदद का इंतज़ार कर रहे हैं। वही उरला रोड गया नगर में नाला की सफाई नहीं होने से नाला एवं बांधा तालाब का पानी सड़कों पर आ गया, डेढ़ से दो फिट तक बहने लगा। यहाँ तक की कोस्टा तालाब के पार रहने वाले के मकान में भी नाले का पानी भर आया। इतना सब होने के बाद भी निगम प्रशासन का कोई आमला देखने भी नहीं पहुंचा जिससे वहां के लोगों में आक्रोश हैं।
अरुण वोरा ने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत राहत व बचाव दल भेजा जाए और लोगों के रहने, भोजन और स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि "यह केवल जलभराव नहीं, मानवीय संकट बनता जा रहा है। अब और देर नहीं की जा सकती।"
-शंकर नाला के अधूरे कार्य पर वोरा ने उठाए सवाल, सरकार की लापरवाही को बताया ज़िम्मेदार
श्री वोरा ने जानकारी दी कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में शंकर नाला सुधार योजना के लिए 18 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से 12 करोड़ रुपये के कार्यों को पूरा भी किया गया। लेकिन इसके बाद बचा हुआ कार्य ठप पड़ गया और वर्तमान सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यदि यह कार्य पूर्ण हो जाता, तो आज यह जलभराव की स्थिति नहीं बनती।
उन्होंने मांग की है कि इस योजना की प्रगति की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और जल्द से जल्द अधूरे कार्यों को पूरा किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी आपदा से बचा जा सके।
शिवनाथ नदी में जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि मोंगरा जलाशय से 51,700 क्यूसेक, घुमरिया से 8,800 क्यूसेक और अन्य जल स्रोतों से 1,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा गहरा गया है। महमरा एनीकट का जलस्तर 4 फीट तक बढ़ चुका है और लगातार बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
उन्होंने कहा, "बारिश की वजह से सबसे अधिक संकट में वो लोग हैं जो कच्चे मकानों में रहते हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे बस्तियों में तुरंत राहत टीमें भेजी जाएं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।"
शहर के नागरिकों से उन्होंने अपील की कि वे सावधानी बरतें, बिना ज़रूरत के घर से बाहर न निकलें और आपात स्थिति में संबंधित विभाग से संपर्क करें।
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