ब्रेकिंग

भिलाई के आचार्य डॉ. अजय आर्य ऋषि गौरव सम्मान से सम्मानित 

48704072025113453whatsappimage2025-07-04at5.02.19pm.jpeg

-परोपकार करने वालों का काम ईश्वर स्वयं बनाता है: आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री
दुर्ग।
भिलाई दुर्ग के आचार्य डॉ. अजय आर्य को क्योंकि विद्वत्ता सामाजिक कार्य एवं परोपकार के लिए अध्यात्म पथ पत्रिका नई दिल्ली द्वारा उड़ीसा में सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि आचार्य डॉ. अजय आर्य समाजसेवी वैदिक विद्वान हैं। वे आर्य समाज से जुड़े हैं। उन्होंने वैदिक विचार मंथन, महर्षि दयानंद की जरूरत क्यों? आज भी सामयिक हैं, स्वामी दयानंद, नहीं चाहिए मुझे तरक्की, पत्थर का मृदंग: प्रकृति की धून जैसी अनेक पुस्तके लिखी हैं। हिंदी पर्यावरण के लिए प्रतिवर्ष सैकड़ो पेड़ लगाते हैं तथा लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।  उड़ीसा के ग्राम भरसूजा के बीहड़ वन क्षेत्र में वैदिक विद्वान विश्व प्रसिद्ध आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री जी के नेतृत्व में अध्यात्म पथ आरोग्य केंद्र का शुभारंभ किया गया। 
महायज्ञ के ब्रह्मा आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री जी ने इस अवसर पर विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा- जो परोपकार करते हैं उनके कार्य ईश्वर पूर्ण करता है। महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने भी संसार का उपकार करना हम सब का कर्तव्य निश्चित किया है। गुरुकुल हरिपुर के ब्रह्मचारियों ने मंत्र पाठ किया। इस अवसर पर स्वामी विशुद्धानंद सरस्वती जी को अध्यात्म मार्तंड सम्मान , गुरुकुल हरिपुर के आचार्य डॉ. सुदर्शन देव , छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य डॉ. अजय आर्य को ऋषि गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. अजय आर्य ने कहा कि ऋग्वेद में लिखा है कि यज्ञ करने वालों को स्वर्ग प्राप्त होता है। स्वर्ग का अर्थ है सुख। जब हम परोपकार करते हैं तब भी हमें आत्मिक रूप से आंतरिक सुख प्राप्त होता है। यज्ञ से भी परोपकार होता है। जीवन में जिसे भी सुख प्राप्त करना है उसे यज्ञ करना चाहिए। रामायण में यज्ञ का भाव है। इदम्  न मम इसीलिए हर शुभ कार्य में रामायण को पढ़ा जाता है। महाभारत, युद्ध और अशांति का प्रतीक है। क्योंकि उसमें यज्ञ भाव नहीं है। 
भजन सम्राट नरेश कुमार धुरंधर ने इस अवसर पर ईश्वर भक्ति के भजन प्रस्तुत कर सबको मंत्र मुग्ध किया। कार्यक्रम के आयोजन में सर्वश्री सुभाष साहू, आनंद कुमार साहू, साहिब भोई , सचेतन मुनि, सुरेश मुनि, श्रीमती चंद्रावती वर्मा, कल्याणी वर्मा, आयुष्मति प्राची, आयुष्मति प्रज्ञा आदि गणमान्य महानुभावों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

एक टिप्पणी छोड़ें

Data has beed successfully submit

Related News

Advertisement

Popular Post

This Week
This Month
All Time

स्वामी

संपादक- पवन देवांगन 

पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल :  dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

हमारे बारे में

हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।

सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।

logo.webp

स्वामी / संपादक- पवन देवांगन

- बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल : dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

NEWS LETTER
Social Media

Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved

Powered By Global Infotech.