-दुनिया में सबसे सुकून का स्थान "मां का आंचल " -ब्रह्माकुमारी रीटा बहन
दुर्ग। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित "आनंद सरोवर " में "मदर्स डे" उल्हास पूर्वक मनाया गया । इस अवसर पर कुमारी धारिणी,जागृति और प्राची ने मां के समान पालन करने वाली रीटा बहन का हस्तलिखित ग्रीटिंग कार्ड देकर एवं मातृत्व स्नेह का गीत गाकर उनका सम्मान किया ।
मदर्स डे के विषय में बोलते हुए ब्रह्माकुमारी रीटा बहन ने कहा कि त्वमेव माता च पिता त्वमेव....अर्थात् हे ईश्वर आप ही माता-पिता हो, आप ही भाई हो, आप ही मित्र हो, विद्या भी आप ही हो, धन भी आप ही हो। हे प्रभु आप ही मेरे सब कुछ हो। आध्यात्मिक रूप से परमात्मा ही हम सभी की पारलौकिक माता है । जन्म देने वाली माता भौतिक देह में होने के कारण एक समय के पश्चात हमारा साथ छोड़ देती है, भौतिक देह से मुक्त हो जाती है किंतु जब हम यथार्थ रूप में परमात्मा को माता के रूप में महसूस करते हैं तो उनका स्नेह चिरकाल मिलता रहता है । वैसे तो इस सृष्टि में सर्वश्रेष्ठ रचना मां ही है जब एक कन्या गर्भ धारण कर मां बनती है तो उसमें बच्चे के स्नेह वश ऐसी शक्तियां आ जाती है जो बच्चों के लालन-पालन के लिए अनेक रातों की नींद और भूख का त्याग कर उसका पालना करती है ।
इसी तरह सृष्टि में धरती माता का भी अत्यंत महत्व है जो हमें जीवन के विकास के लिए हमारी ऐसी पालना करती है जो अपने सीने में अनेक कष्ट सहन करने के बाद भी हमें अन्न जल प्रदान करती है। हम अपने देश भारत को *भारत माता* कहते हैं वर्तमान परिस्थिति में हमें अपने देश के प्रति त्याग, समर्पण और सेवाभाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की सख्त आवश्यकता है। तो हमें इस मदर्स डे पर परमात्मा माता,जन्म देने वाली माता, धरती माता व भारत माता के प्रति प्रतिपल कृतज्ञता अर्पित हो यही इस मदर्स डे में उनके प्रति हमारी सच्ची सम्मान व अभिनंदन है । इस अवसर पर सभा में उपस्थित सभी भाई-बहनों ने राजयोग मेडिटेशन के द्वारा धरती मां, जन्म देने वाली मां और सर्व मनुष्य आत्माओं के सुख-शांति व प्रकृति के प्रति अपनी शुभभावना व शुभकामना के तरंगे प्रवाहित किये ।
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