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दुर्ग-भिलाई
-आर्य समाज दुर्ग में गूंजा, आर्य समाज अमर रहे मनुष्य दयानंद की जय का नारा
दुर्ग। आर्य समाज में विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर धर्म संस्कृति और परंपरा से जुड़ने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आचार्य डॉ. अजय आर्य ने कहा- सिर्फ ईट और पत्थर ही हमारी धरोहर नहीं है। पुरातत्व विभाग इन्हें सहेजकर रखता है। हमारी परंपरा हमारे विचार और हमारी सांस्कृतिक विरासत भी एक सच्ची धरोहर है। आज विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर हम सभी को अपनी आने वाली पीढ़ी को अपनी धरोहरों से जोड़ने का प्रयत्न करना चाहिए। वेद संस्कृति उपनिषद रामायण महाभारत यह किस देश के धरोहर है जो संपूर्ण विश्व को दिशा दिखा सकती है।
-कल होगा महासम्मेलन का शुभारंभ, दुर्ग से सुबह 6 चलेगी बस..
महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती एवं आर्य समाज की पू स्थापना के 150 वर्ष पर महा सम्मेलन का आयोजन।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह एवं गुजरात के राज्यपाल महामहिम आचार्य देवव्रत कार्यक्रम में होंगे शामिल।
-200 कुण्डीय धर्म रक्षा महायज्ञ..
दो दिवसीय सनातन संस्कृति महासम्मेलन देश के कोने-कोने से संत महात्मा वैदिक विद्वान एवं विचारक पधार रहे हैं।
छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि एवं योग आयोग मना रहा है आर्य समाज की गौरवपूर्ण150 वीं जयंती।
छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा एवं योग आयोग संयुक्त रूप से महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती एवं आर्य समाज की 150वीं स्थापना दिवस पर विशेष आयोजन कर रहा है। दोस्त दो दिवसीय वैदिक सनातन धर्म संस्कृत सम्मेलन राजधानी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम साइंस कॉलेज रायपुर में 19-20 अप्रैल को आयोजित किया जा रहा है।
इस महासम्मेलन में सनातन धर्म वैदिक चेतना के लिए 200 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह महायज्ञ अंतर्राष्ट्रीय वेद कथाकार आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री जी के ब्रह्मत्व में संपन्न होगा।
इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए रायगढ़ सरगुजा, अंबिकापुर बिलासपुर, जगदलपुर , धमतरी, कांकेर, दुर्ग भिलाई से सैकड़ो कार्यकर्ता एकत्रित हो रहे हैं।
आचार्य डॉ. अजय आर्य ने बताया गुजरात से महान समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती के वंशज जयंतीलाल इस समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। कार्यक्रम को डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, सहित गुजरात के राज्यपाल महामहिम आचार्य देवव्रत जी संबोधित करेंगे। इस महासम्मेलन में भाग लेने के लिए आर्य समाज की मीडिया टीम आर्य संदेश भी अश्विनी कुमार के नेतृत्व में दिल्ली से पहुंची हुई है।
प्रतिनिधि सभा के मंत्री अवनी भूषण पुरंग ने बताया महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने आज से 150वर्ष पहले हिंदू समाज को एक करने का प्रयत्न आरंभ किया था। डेढ़ सौ साल पहले आर्य समाज की स्थापना करते हुए उन्होंने हिंदू समाज को जाती-पाती से दूर होकर के एक धर्म संस्कृति और परंपरा का अनुसरण करने का संदेश दिया था। स्वामी दयानंद मानते थे कि कोई भी व्यक्ति जन्म से महान नहीं होता उसके कर्म उसके गुण ही उसकी महानता का कारण बनते हैं। समरसता के माध्यम से आर्य समाज वर्तमान समय में गली-गली बस्ती बस्ती में जाकर के यज्ञ करके स्वामी दयानंद के इसी संदेश को हिंदू समाज के बीच रख रहा है।
राजस्थान के जीवर्धन शास्त्री ने बताया कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने स्वराज का नारा देते हुए स्वतंत्रता के लिए तत्कालीन क्रांतिकारियों को देशभक्तों को एकजुट करते हुए संदेश दिया था। कांग्रेस के इतिहास में यह दर्ज है कि आजादी के आंदोलन में 80% से अधिक लोग आर्य समाज और स्वामी दयानंद के विचारधारा से प्रभावित थे। आर्य समाज ने आधुनिक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सती प्रथा का उन्मूलन, विधवा विवाह, नारी शिक्षा, पुनर्विवाह आदि आर्य समाज के महत्वपूर्ण कार्य रहे हैं। लाला लाजपत राय स्वामी दयानंद के अन्य शिष्य और भक्त थे। स्वदेशी का मंत्र देने वाले महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने स्वदेशी शिक्षा और भारत की सनातन परंपरा को विश्व पटल पर रखने का कार्य किया।
-युवाओं को मिलेगी दिशा..
भारतीय युवाओं को नशा मुक्ति के साथ धर्म समाज और संस्कृति परंपरा से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
संपादक- पवन देवांगन
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सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
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