छत्तीसगढ़

पुरीपीठाधीश्वर के नाम पर बने नकली शंकराचार्य पर कड़ी कार्यवाही की मांग

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कवर्धा । आगामी 21 से 27 अप्रैलx 2025 तक दुर्ग जिले के जामुल नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्रमांक 20 सुरडुंग में रुद्र महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आयोजन समिति के द्वारा अन्य आचार्यों के साथ ही साथ एक स्वघोषित नकली शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानन्द देव तीर्थ नामक व्यक्ति को पुरी गोवर्धनपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य के रूप में प्रचारित कर आमन्त्रित किया जा रहा जिसका धर्मसंघ पीठपरिषद आदित्यवाहिनी आनन्दवाहिनी कवर्धा द्वारा घोर विरोध किया गया है। यह सर्वविदित है कि वर्तमान में ऋग्वेदीय एवं पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरीपीठ के 145 वें श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्तश्री विभूषित स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज हैं। जो कि दार्शनिक आध्यात्मिक, वैज्ञानिक, गणित आदि विधाओं के विश्वविख्यात विद्वान तथा वर्तमान में सनातन धर्म के वरिष्ठतम आचार्य हैं। जो सनातन धर्म और सनातन मानबिन्दुओं रक्षा के लिये लगातार वर्ष पर्यन्त सम्पूर्ण भारतवर्ष का भ्रमण कर रहे हैं।
जिनसे समय समय पर देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी , गृहमन्त्री अमित शाह सहित पूर्व वर्तमान केन्द्रीय मन्त्रीगण एवं पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्रीगण, योगी आदित्यनाथ, विष्णुदेव साय शिवराजसिंह चौहान डा. रमनसिंह इत्यादि ने भेंट कर पुरी शंकराचार्यजी के रूप में आशीष प्राप्त किया है। यही नहीं उड़ीसा के उच्च न्यायालय ने भी अपने कई जजमेन्टों में पुरी के वर्तमान प्रामाणिक शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज का उल्लेख किया है तथा कई धार्मिक विषयों पर कोर्ट मित्र के माध्यम से उनका मार्गदर्शन भी प्राप्त किया है । ऐसी स्थिति में अधोक्षजानन्द देवतीर्थ जैसे नकली व्यक्ति का नकली शंकराचार्य के रूप में प्रदेश में आगमन तथा किसी के भी द्वारा उसे शंकराचार्य के रुप में बुलाना या सामान्य रूप से भी बुलाना ( जबकि वह नकली आचार्य बन कर घूमने वाला है) यह धर्म तथा भारतीय न्यायपालिका के सर्वथा विरुद्ध है । जिसके कारण आदित्यवाहिनी कवर्धा ने किसी भी नकली आदित्यवाहिनी पाखण्डी, आचार्य वेश में घूमने वाले छद्म अपराधियों को प्रदेश की सीमा में प्रवेश ना देकर  
प्रकार के फर्जी व्यक्ति के शंकराचार्य के रुप में अनैतिक आगमन को प्रतिबन्धित करने हेतु छत्तीसगढ़ के मुख्यमन्त्री, गृहमन्त्री एवं विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है। ज्ञातव्य हो कि इस संबंध में संस्था के प्रतिनिधिमण्डल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमनसिंह को ज्ञापन दिया जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इस विषय को अत्यन्त गंभीर मानते हुये गृहमन्त्री विजय शर्मा को कार्यवाही के लिये पत्र भीलिखा है तथा प्रतिनिधि मण्डल ने गृहमन्त्री से मुलाकात कर त्वरित कार्यवाही हेतु अनुरोध भी किया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्तश्री विभूषित स्वामी श्रीनिष्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज के लाखों शिष्य एवं अनुयायी हैं, जिनकी शंकराचार्य परम्परा एवं इनमें प्रतिष्ठित मान्य आचार्यों के प्रति सदा से आस्था रही है।
किन्तु आयोजन समिति के द्वारा ऐसे नकली व्यक्ति को पुरी शंकराचार्य के रूप में प्रचारित कर आमंत्रित करना छत्तीसगढ़ की धर्मप्रिय जनता की भावना एवं आस्था के साथ खिलवाड़ करना है, जिससे समस्त सनातन हिन्दू समाज में आक्रोश का वातावरण निर्मित हो गया है ।

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जय गुरुदेव जय जगन्नाथ महाप्रभु पूर्व विदित है कि फर्जी व्यक्ति अधोक्षजानंद जो पूरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य नाम से जामुल क्षेत्र छत्तीसगढ में आ रहे हैं, जो सर्वथा सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्म गुरु का ना केवल अपमान हैं बल्कि अरबों वर्ष पुरानी सनातन गुरु आचार्य परम्परा को समाप्त करने का षडयंत्र भी है।
उक्त विषय में आज शाम कलेक्टर, एसपी को आदित्य वाहिनी सदस्यो एवं सामाजिक संगठनों, धार्मिक भक्तो के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया जिसके अंर्तगत फर्जी व्यक्ति के विरुद्ध प्रतिबंध एवं अपराध पंजीबद्ध की मांग रखी गई। 
इस धर्मविरोधी तथा भारतीय न्यायपालिका की द्रोही सम्भावित दुर्घटना से समग्र सनातन धर्मावलम्बियों तथा धर्मसंघ पीठपरिषद, आदित्यवाहिनी एवं आनन्दवाहिनी के सभी सदस्य एवं सदस्याओं के हृदय में कष्ट एवं प्रदेश के शान्त तथा धार्मिक वातातरण में अराजकता का भय व्याप्त है । यदि इस पर शासन प्रशासन द्वारा तत्काल रोक नहीं लगाया गया तो अनावश्यक संघर्ष एवं विप्लवपूर्ण वातावरण निर्मित हो सकता है। गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेन्द्र मोदी को हस्तलिखित संदेश में पुरी शंकराचार्यजी ने देश में घूम रहे नकली शंकराचार्यों पर कार्यवाही की मांग की है।

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