होम / दुर्ग-भिलाई / तेरी यादों की चादर ओढ़ कर सो रहा हूँ ; तकिए से लिपटकर पैर को मोड़ कर सो रहा हूँ..
दुर्ग-भिलाई
-हिंदी साहित्य समिति की बैठक एवं काव्य गोष्ठी
-कवियों ने सामाजिक समसामयिक विषयों पर पढ़ी रचना
-दुर्ग जिला हिन्दी साहित्य समिति की बैठक एवं काव्य गोष्ठी
-राष्ट्रीय स्तर पर बाल संगोष्ठी का होगा आयोजन जिस घर में अम्मा रहती है वह घर, घर लगता है- बलदाऊ राम साहू
दुर्ग। दुर्ग जिला हिन्दी साहित्य समिति की रविवार को आयोजित बैठक उपरांत काव्य गोष्ठी में कवियों ने समसामयिक विषयों पर कविताओं की प्रस्तुति दी। अध्यक्ष बलदाऊ राम साहू ने राजधानी में राष्ट्रीय बाल संगोष्ठी पर केंद्रित विशेष आयोजन का प्रस्ताव रखा। बैठक में तय किया गया कि प्रति माह समिति बैठक का आयोजन करेगी और विशिष्ट साहित्यकारों के सम्मान में परिचर्चा सहित विभिन्न पर्व आधारित संगोष्ठी आयोजित करेगी।
काव्य गोष्ठी का संचालन सचिव राकेश गुप्ता रूसिया ने किया, काव्य गोष्ठी में अध्यक्ष, बलदाऊ राम साहू, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आर एन श्रीवास्तव, जी पी सोनी, नित्यानंद पांडे , शायर सुशील यादव, डॉ अजय आर्य, शारदा प्रसाद पांडे ने कविताओं के माध्यम से अपने विचार रखे। शायर सुशील यादव की रचना "हम शराफत में कहीं आधे कहीं तिरछे मिले हैं,
होश में देखो हमें हम कितने बिखरे पड़े हैं।" कवियों द्वारा सराही गई। राकेश गुप्ता ने मरनासन्न कर्ण और कृष्ण संवाद के माध्यम से कर्म फल और न्याय पर आधारित भावपूर्ण रचना- "साथ अधर्म के खड़े नहीं अपराध बड़ा है,
सतत् पाप में भागीदारी पाप बड़ा है" - प्रस्तुत की। नित्यानंद पांडे ने भोजपुरी में स्वप्न जीवित रहें कविता प्रस्तुत की।
अध्यक्ष बलदाऊ राम साहू ने अपनी रचना-
"बच्चों को कुछ अच्छा सिखाया जाए , बुजुर्गों के साथ समय बिताया जाए"- तथा जिस घर में अम्मा रहती है वह घर, घर लगता है प्रस्तुत की। डॉ. अजय आर्य ने श्रृंगार रस की रचना
"तेरी यादों की चादर ओढ़ कर सो रहा हूँ, तकिए से लिपटकर पैर को मोड़ कर सो रहा हूँ "सुनाई। राज नारायण श्रीवास्तव ने आध्यात्म पर आधारित कविता तथा एस पी पांडे ने अमरूद और तोते के माध्यम से सामाजिक सौहार्द्र पर रचना पढ़ी।"
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.