- प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान टामापहाड़, सर्किल देवसील, पार्क परिक्षेत्र कमर्जी क्षेत्र का है मामला
कोरिया / बैकुंठपुर (खगेन्द्र यादव)। बाघ की मौत का मामला अब तक वन विभाग हल नही कर पाया है और ताजा मामला तेंदुए की मौत का सामने आ गया है। वही अफसर मीडिया से मुँह छिपाते फिर रहे है इस मामले में भी विज्ञप्ति जारी कर सवालों से बचने की कोशिश कर रहे है।
जारी की विज्ञप्ति में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर के संचालक ने तेंदुए की मौत को लेकर विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि दिनांक 15.11.2024 को क्षेत्रीय कर्मचारियों की गश्ती के दौरान बीट टामापहाड़, सर्किल देवसील, पार्क परिक्षेत्र कमर्जी अंतर्गत एक तेंदुआ (Leopard) की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई। घटना की पुष्टि उपरान्त क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को देर रात घटना की सूचना दी गई। उक्त घटना स्थल दुर्गम पहाड़ी, संचार साधन (नेटवर्क) विहीन क्षेत्र में स्थित है।
दिनांक 16.11.2024 को वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा वन वृत्त, अम्बिकापुर, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, पशु चिकित्सकों की टीम, गोमर्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम एवं क्षेत्रीय कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे। क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं गोमर्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में पतासाजी किया गया। स्थल निरीक्षण उपरान्त विभागीय अधिकारी / कर्मचारी, ग्रामीणों की उपस्थिति में तीन सदस्यीय पशु चिकित्सक दल के द्वारा शव विच्छेदन (Post-Mortem) किया गया। पशु चिकित्सकीय टीम के परीक्षण के दौरान मृत तेंदुए के Skin, नाखून, दांत एवं सभी अंग सुरक्षित पाये गये। मृत तेंदुए के आवश्यक सिंपल को प्रयोगशाला परीक्षण हेतु प्रीजर्व किया गया। शव विच्छेदन (Post-Mortem) उपरान्त नियमानुसार शव का दाह संस्कार किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वायड टीम, स्ट्राईक फोर्स, क्षेत्रीय कर्मचारियों के संयुक्त टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के उपरान्त ही मृत्यु के संभावित कारणों के विषय में जानकारी प्राप्त होगी। तेंदुए (Leopard) के मृत्यु की सभी संभावित कारणों की विवेचना की जा रही है।
शव में पड़ गए थे कीड़े...
तेंदुए की मौत को लेकर पार्क के अफसर पोसर मार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है, जबकि ग्रामीणों की माने तो शव 7 से 10 दिन पुराना हो चुका था, उंसमे कीड़े पड़ चुके थे। 15 नवम्बर की शाम को विभाग को तेंदुए की मौत की जानकारी मिल गई, दूसरे दिन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, और दिनभर किसी को घटनास्थल जाने नही दिया गया। पोस्टमार्टम सहित तमाम प्रक्रिया करके मामले की जानकारी मीडिया को नही दी गई, दूसरे दिन एडिशनल पीसीसीएफ प्रेम कुमार ने एक प्रतिष्ठित अखबार को तेंदुए की मौत की पुष्टि कर दी, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मामले की जानकारी दी।
नाराज है मैदानी अमला, माइलेज अलाउंस भी बन्द...
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान हो या कोरिया वन मंडल यहां अशिकारियो की मनमानी से विभाग का मैदानी अमला खासा नाराज है , अफसर कभी कभार ही दौरे पर आते है। तानाशाही रवैये के कारण उनमें नाराजगी भरी हुई है। दूसरी ओर कैम्पा के तहत मैदानी अमले को माइलेज अलाउंस 1000 रूपए मिला करता था परंतु अब वो भी बन्द हो गया है, अफसर रेंजर लक्सरी वाहनों में घूमते है जबकि अपना जेब से पेट्रोल भरवाकर मैदानी अमला जंगल मे रखवाली कर रहा है, यही कारण है काम मे समर्पण की भावना अब खत्म हो चुकी है।
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