-कवर्धा की अदिति कश्यप को राज्य अलंकरण पुरस्कार वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी सम्मान से किया गया सम्मानित
-नवा रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने श्रीमती अदिति कश्यप को किया सम्मानित
-अदिति कश्यप अद्वितीय पहल से महिला सशक्तिकरण की बनी मिसाल
कवर्धा। कवर्धा विकासखंड के ग्राम पालीगुड़ा की रहने वाली महिला कृषक श्रीमती अदिति कश्यप को राज्य अलंकरण पुरस्कार वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें उनके उत्कृष्ट कृषि कार्यों और प्रेरणादायक उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया है। छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर 24वी वर्षगांठ पर नवा रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा श्रीमती अदिति कश्यप को यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। राज्य स्तरीय इस सम्मान के लिए कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिलेवासियों की तरफ से श्रीमती अदिति कश्यप को बधाई और शुभकामनाएं दी है।
महिला कृषक अदिती कश्यप मूलतः कवर्धा विकासखण्ड के ग्राम पालीगुड़ा की निवासी है। अदिती कश्यप ने केवल 10वीं तक शिक्षा प्राप्त की है। अदिती कश्यप के पति पुलिस विभाग में कार्यरत है, जो वर्तमान में अम्बिकापुर में पदस्थ हैं। लेकिन पिछले 18 वर्षों से अकेले रहते हुए पालीगुड़ा खार रानीसागर के पास 15 एकड़ में खेती बाड़ी का काम स्वयं करती हैं। गृहणी होकर भी रोजाना खेत जाती हैं। फसलों में धान, चना, गेहूं, मक्का के अलावा उद्यानकी फसल भी लेती हैं। अदिती कश्यप ने पर्यावरण सुरक्षा में सहभागिता निभाने के लिए खेत के मेड़ों का सदुपयोग करते हुए नींबू, चीकू, आम, जामून, अमरूद, सीताफल, कटहल आदि फलदार वृक्ष रोपित किये हैं, जिससे पर्याप्त आमदनी होती है। अदिती कश्यप ने 1 एकड़ में 30 क्विंटल धान उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है, वह भी उस क्षेत्र में जहां पहले प्रति एकड़ केवल 11 क्विंटल धान उत्पादन होता था। अदिती कश्यप द्वारा बॉयर 6444 किस्म का श्री विधि से लगाई हुई धान के फसल की 135 दिन बाद कटाई हुई तो अदिती स्वयं अचंभित हो गई, इस पैदावार से प्रधानमंत्री भी प्रभावित हुए।
कर्नाटक में 2 जनवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कृषि कर्मण्य पुरस्कार के साथ 2 लाख रूपये और प्रशस्तिपत्र से सम्मानित हुई, इसके साथ ही राज्य स्तरीय कई अवार्डों से सम्मानित हुईं। जब अदिती कश्यप ने खेती करना प्रारंभ किया तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे, लेकिन खेती के प्रति उनका जूनून इस कदर था कि उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाया, अपने खेती के बदौलत अदिती कश्यप ने ट्रैक्टर, ट्रॉली, रोटावेटर एवं अन्य कृषि उपकरण लिये हैं। अदिती कश्यप की 3 बेटियाँ हैं, जिनमें से दो डॉक्टर व एक फार्मासिस्ट हैं। अदिती कश्यप का कहना है कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर उनका साथ दे रहीं हैं, और एक नया आयाम हासिल कर रही हैं। आज स्थिती यह है, अदिती कश्यप अन्य महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिये एक प्रेरणा स्त्रोत है, जिससे प्रेरणा लेकर आस पास की हजारों महिलाएं और पुरुष किसान प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से अदिती कश्यप के साथ जुड़कर परामर्श एवं मार्गदर्शन लेकर अपना जीवन बदल रहे हैं। अदिति कश्यप का यह योगदान और साहस निश्चित ही सभी के लिए एक प्रेरणा है और यह सम्मान उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना और उनके साहस का प्रतीक है।
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