छत्तीसगढ़

महत्वपूर्ण:  लाल आतंक का हों रहा सफाया,9 महीनों में मारे गए 188 नक्सली



RO. NO 13047/76

रायपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब लाल आतंक का सफाया होते जा रहा है, पुलिस और सुरक्षा बलों की साझा रणनीति के तहत सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों के 30 से 32 किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा कैम्प खोल दिया है।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ही सुरक्षा कैंप खुलने से नक्सलवाद का दंश झेल रहे गांव के लोग मुख्यधारा से जुड़ पा रहे हैं। खासकर नियद नेल्लानार योजना के तहत स्थापित कैंपों के माध्यम से बंदूक के साथ-साथ विकास के जरिए भी युद्ध छिड़ा हुआ है।यहां स्कूल-अस्पताल भवन, सड़क बनने से न सिर्फ विकास का मार्ग प्रशस्त हो रहा है बल्कि राज्य सरकार की तमाम योजनाएं गांव वासियों तक पहुंचनी शुरू हो गई है। कैंप खुलने के साथ ही गांव तक पक्की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।अविभाजित मध्य प्रदेश से इन घोर नक्सल क्षेत्रों के लोग शोषण, भ्रष्टाचार, और जुल्म का शिकार होते रहे। नक्सलियों पर नियंत्रण नहीं होने से यहां के निवासियों का भरोसा सरकारी तंत्र से उठ चुका था। इसके चलते ग्रामीणों के बीच नक्सलियों की पैठ अधिक मजबूत थी।केंद्र से मिला साथ तो अर्धसैनिक बलों की साझा पहलसुरक्षा कैंप बढ़ाने में केंद्र सरकार की महती भूमिका रही है। हाल में केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 4,000 से अधिक कर्मियों वाली चार बटालियनों को तैनात करने का निर्णय लिया है। इनमें कुछ जवान यहां पहुंच चुके हैं। बस्तर में 60 हजार से ज्यादा जवान सिर्फ नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई के लिए तैनात हैं।इनमें कांकेर में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), नारायणपुर में आइटीबीपी, बीएसएफ, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), कोंडागांव में आइटीबीपी, सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं।इसी तरह दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं। साथ ही बस्तर के सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी), जिला बल, बस्तर फाइटर्स, बस्तरिया बटालियन भी सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिला के सीमाई क्षेत्र में सुरक्षाबल के साथ हुए मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे जा चुके हैं। इसे न केवल छत्तीसगढ़ के बल्कि देश के इतिहास में सबसे बड़ा एनकाउंटर माना जा रहा है। पिछले नौ महीनों में 188 नक्सली मारे गए।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों के 250 कैंप और नियद नेल्लानार योजना (आपका अच्छा गांव) के तहत 58 नए कैंप स्थापित करने की रणनीति बनाई है। इसके साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग का दायरा बढ़ाया गया है। ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय लोगों व पुलिस के बीच गहरी दोस्ती हो सके।सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे ग्रामीण नक्सलियों के नेटवर्क से बाहर निकल रहे हैं। सरकार के प्रति स्थानीय लोगों का भरोसा बढऩे से सुरक्षा बलों का सूचना तंत्र मजबूत हुआ है। बड़े नक्सली नेताओं की उपस्थिति का पता चलते ही अभियानों को गति दी जा रही है।छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिला के सीमाई क्षेत्र में सुरक्षाबल के साथ हुए मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं। अब तक यह सबसे बड़ा ऑपरेशन है। आगे भी हम सुरक्षा कैंप खोलने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

RO. NO 13047/76
97519112024060022image_750x_66bc2a84329bd.webp

एक टिप्पणी छोड़ें

Data has beed successfully submit

Related News

Advertisement

87019112024055914image_750x_672c617855129.webp
76619112024060008image_750x_672b3626d0651.webp
81112122024163817whatsappimage2024-12-12at22.03.44_e5a3a0e9.jpg
RO. NO 13047/76
27512122024164144pmwithcm300x250.jpg

97519112024060022image_750x_66bc2a84329bd.webp

Popular Post

This Week
This Month
All Time

स्वामी

संपादक- पवन देवांगन 

पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल :  dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

हमारे बारे में

हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।

सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।

logo.webp

स्वामी / संपादक- पवन देवांगन

- बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल : dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

NEWS LETTER
Social Media

Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved

Powered By Global Infotech.