माता कौशल्या को विदा करते हुए आंखें नम हुई
रायपुर। माता कौशल्या की मायके चंदखुरी आने के उत्साह को लेकर साल भर बड़ी प्रतीक्षा रहती है. वही प्रतीक्षा तीजा पर्व के संपन्न होने के पश्चात पूर्ण हो जाती है ,,.माता कौशल्या संग तीजा तिहार ,,का यह उत्सव अयोध्या से मिट्टी लाने से प्रारंभ होकर मूर्ति निर्माण एवं उसकी प्रतिष्ठा के साथ-साथ तीजा पर्व के विधिवत नेक के साथ बड़ी उत्साह के साथ पर्व काल व्यतीत होता है .लेकिन परंपरा के अनुसार मायके आने वाली माता एवं बहनों को तीजा पर्व के बाद अपनी ससुराल लौटना ही होता है .इसी अनुक्रम में चंदखुरी के ग्राम वासी सहित बड़ी संख्या में पधारे हुए लोगों के माता को विदा देते समय आंखों में आंसू थे बड़े भाव विभोर होकर माता की मूर्ति को पंथी नृत्य एवं रावत नाचा के साथ ग्राम भ्रमण कराते हुए जनसेल तालाब में विसर्जित किया गया. इस कार्यक्रम के सूत्रधार राकेश तिवारी ने आयोजन में सम्मिलित होने वाले लोगों को धन्यवाद देते हुए आगामी वर्ष में इस समारोह को और भव्य रूप में आयोजित करने की बात कही।
आज विदाई के शोभायात्रा में माता कौशल्या संग तीजा तिहार के सह संयोजक डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर, हेमलाल पटेल, मनीष लदेर, नरेंद्र यादव मोहन साहू ,प्रभा यादव ,तनु यादव, दिनेश जांगड़े , दयालु राम यादव, घासीया राम वर्मा, धनीराम सहित बड़े संख्या में ग्रामवासी भाग लिए।
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