महतारी वंदन के अलावा सरकार की अन्य योजना आम जनता के बीच नहीं बना पाई जगह..!
रायपुर (अजय)। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सचिव स्तर पर कुछ फेरबदल की सुगबुगाहट, प्रशासनिक स्तर पर सुनने को मिल रही है। कुछ विभागों के सचिवों के विभाग बदले जाएंगे।
वहीं आईएफएस अफसरों की एक छोटी सूची नवरात्रि के बीच जारी हो सकती है, जिसमें अरण्य भवन में पदस्थ कुछ सीसीएफ स्तर के अफसरों के विभाग बदले जा सकते हैं। वहीं दो-चार वनमण्डलाधिकारी के भी स्थानांतरण होने की चर्चा है।
इसी तरह पुलिस विभाग में भी कुछ आईपीएस अधिकारियों को इधर से उधर करने की खबर है।
पवन साय निशाने पर...
राज्य में भाजपा को सत्ता वापस दिलाने में संगठन महामंत्री पवन साय का विशेष योगदान रहा, संगठन और कार्यकर्ताओं की तपस्या से विधानसभा चुनाव में जीत और शपथ ग्रहण के 9 माह के भीतर अब ऐसा क्या हो रहा है, जिसके कारण भाजपा कार्यकर्ता ही संगठन महामंत्री पवन साय पर उंगली उठाना शुरु कर दिए हैं!
कमजोर प्रशासनिक पकड़..
दरअसल बीते 9 माह में धान, किसान और महतारी वंदन के अलावा सरकार की कोई योजना आम जनता के बीच अपना स्थान नहीं बना पाई। जबकि पहले साल सरकार की छवि गढऩे का काम सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है।
आरएसएस की दखलंदाजी..
विकास कार्यों की गति अत्यंत धीमी है, संगठन मंत्री पवन साय के निशाने पर होने की प्रमुख वजह यह भी मानी जा रही है कि मुख्यमंत्री सचिवालय या सरकार के ज्यादातर निर्णय में संघ का प्रत्यक्ष दखल है। जिसके कारण अनेकों निर्णय में देरी होती है।
सीएम सचिवालय में काम का बोझ..
दूसरा प्रमुख कारण मुख्यमंत्री के पास विभागों की भरमार है, दो-दो मंत्रियों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। यही नहीं भार अधिक होने के कारण मुख्यमंत्री के सचिवालय में महत्वपूर्ण फाइलें भी महीनों धूल खाती पड़ी रहती हैं। सम्भवत: इसलिए भाजपा कार्यकर्ता सरकार को कोसने की बजाय संगठन महामंत्री पवन साय पर उंगली उठाना शुरु कर दिए हैं।