9 महीने बाद थमी विदेशी निवेशकों की बिकवाली, भारतीय बाजारों में किया 1,100 करोड़ का निवेश

9 महीने बाद थमी विदेशी निवेशकों की बिकवाली, भारतीय बाजारों में किया 1,100 करोड़ का निवेश

नई दिल्ली  । शेयर बाजार के निवेशकों के लिए अच्छा खबर है। विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजारों पर एक बार फिर भरोसा बढ़ते दिख रहा है। करीब 9 महीने के लगातार निकासी के बाद विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर बाजार में पैसा लगाना शुरू कर दिया है। जी हां..विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के सिलसिले पर जुलाई में कई माह बाद ब्रेक लगता दिख रहा है। इस महीने एफपीआई अबतक शुद्ध रूप से 1,100 करोड़ रुपये के शेयर खरीद चुके हैं। इससे पहले जून में एफपीआई ने 50,145 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। यह मार्च, 2020 के बाद किसी एक माह में एफपीआई की बिकवाली का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। उस समय एफपीआई ने शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे। बता दें कि अक्टूबर, 2021 यानी पिछले लगातार नौ माह से एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से निकासी कर रहे थे।
क्या कहते हैं मार्केट एक्सपर्ट?
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ''बढ़ती महंगाई तथा मौद्रिक रुख में सख्ती के चलते अभी एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।ÓÓ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 22 जुलाई के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 1,099 करोड़ रुपये डाले हैं। चौहान ने कहा कि इस महीने एफपीआई की अंधाधुंध बिकवाली न केवल रुकी है, बल्कि माह के कुछ दिन तो वे शुद्ध लिवाल रहे हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की लिवाली की एक और बड़ी वजह यह है कि उनका मानना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक आगामी बैठक में ब्याज दरों में इतनी आक्रामक वृद्धि नहीं करेगा, जैसा कि पहले अनुमान लगाया जा रहा था। इससे डॉलर सूचकांक भी नरम हुआ है, जो उभरते बाजारों की दृष्टि से अच्छा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में मंदी की संभावना भी कम हुई है। इसके अलावा हाल में बाजार में आए 'करेक्शनÓ की वजह से भी लिवाली के अवसर बढ़े हैं।