विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए समय के अनुरूप उच्च शिक्षा में परिवर्तन की जरूरत : सुश्री उइके : राज्यपाल ‘उच्च शिक्षा में नई पहल’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में हुई शामिल

विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए समय के अनुरूप उच्च शिक्षा में परिवर्तन की जरूरत : सुश्री उइके : राज्यपाल ‘उच्च शिक्षा में नई पहल’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में हुई शामिल
दक्षिणापथ। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और इस मौसम में बाहरी तापमान के साथ-साथ शरीर के अंदर का तापमान भी अधिक होता है। ऐसे में इस मौसम में शरीर को पानी एवं द्रव्य पदार्थों की आवश्यकता भी ज्यादा होती है, ताकि तापमान में संतुलन बना रहे। हालाँकि इस दौरान बार-बार पानी पीने के बाद भी प्यास नहीं बुझती। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं। अगर बार-बार पानी पीने के बाद भी प्यास नहीं बुझती तो पानी में शहद मिलाकर कुल्ला करने या लौंग को मुंह में रखकर चूसने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है। बार-बार प्यास लगने की समस्या है तो जायफल का इस्तेमाल करें। इसके लिए बस जायफल का एक टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहें। आपको प्यास नहीं लगेगी। गाय के दूध से बना दही 125 ग्राम, शक्कर 60 ग्राम, घी 5 ग्राम, शहद 3 ग्राम व काली मिर्च-इलायची चूर्ण 5-5 ग्राम लें। ध्यान रहे दही को अच्छी तरह मलकर उसमें अन्य पदार्थों को मिलाएं और किसी स्टील या कलई वाले बर्तन में रख दें। उसके बाद उसमें से थोड़ा-थोड़ा दही सेवन करते रहे। जौ के भुने सत्तू को पानी में घोलकर, उसमें थोड़ा सा घी मिलाकर पतला-पतला पीये लाभ होगा। चावल के मांड में शहद मिलाकर पीने से भी बार-बार प्यास लगना या प्यास न बुझने की समस्या खत्म हो जाती है। पीपल की छाल को जलाकर पानी में डाल दें और जब यह राख नीचे बैठ जाए, तो उस पानी को छानकर पिएं।