ए.डी.जी.पी. विज ने की प्रदेश में सड़क दुर्घटना में कमी लाए जाने हेतु किए गये उपायों की समीक्षा

ए.डी.जी.पी. विज ने की प्रदेश में सड़क दुर्घटना में कमी लाए जाने हेतु किए गये उपायों की समीक्षा

दक्षिणापथ। अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनको शुरुआत से ही कुछ ऐसी बातें सिखानी चाहिए जो आगे चल कर उनके लिए फायदेमंद हों और भविष्य में उनके काम आएं और ऐसी ही एक आदत है पैसों की बचत (स्ड्ड1द्बठ्ठद्द रूशठ्ठद्ग4) करने की। वैसे भी शुरुआत से ही हम बच्चों की जैसी आदत डालेंगे वे वैसे ही बनेंगे। ऐसे में उनको रुपयों की बचत करने और फिजूलखर्ची से बचने की अगर शुरुआत से ही आदत होगी तो यह आदत बड़े होने पर जीवन में उनके काफी काम आएगी। वहीं उनके बेहतर जीवन जीने के लिए यह जरूरी भी है. अगर बच्चों में बचत करने की आदत होगी, तो भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ऐसे में आपको भी जरूर जानना चाहिए कि आप अपने बच्चों किस तरह बचत करना सीखा सकते हैं-खुद में भी करें बदलाव - बच्चे अपने बड़ों से ही सीखते हैं। हम जैसा करेंगे बच्चे भी वैसा ही करेंगे। इसलिए जरूरी है कि हम बच्चों को जैसा बनाना चाहते हैं, हम खुद भी वही आदतें अपनाएं। क्योंकि अगर बड़ों में फिजूलखर्ची की आदत है, तो बच्चे भी वही सीखेंगे। वहीं बचपन से ही बच्चों को बचत की अहमियत बताएं और उन्हें फिजूलखर्ची से दूर रहने को कहें।

रुपये जोडऩे की आदत को दें बढ़ावा - अक्सर बचपन में आदत होती है कि बच्चे उन रुपयों को संभाल कर रख लेते हैं जो उन्हें कोई बड़ा किसी खास मौके आदि पर देता है. बच्चों की इस आदत को प्रोत्साहित करें और उनमें रुपये जोडऩे की आदत को बढ़ावा दें. इसके लिए उन्हें प्यारी सी गुल्लक भी खरीद कर दें. नई गुल्लक और रुपये इक_े होने के उत्साह में वे बचत करना सीखने लगेंगे.

ज्वाइंट बैंक अकाउंट खुलवाएं - आज कल तो कुछ स्कूलों की ओर से भी बैंक अकाउंट खुलवाए जाते हैं और ज्वाइंट बैंक अकाउंट की भी सुविधा है। इसका फायदा उठाएं और अपने बच्चों का सेविंग अकाउंट खुलवा दें। इससे बच्चे छोटी उम्र से ही रुपयों की बचत करना सीख जाएंगे।
4 . गैरजरूरी चीजें न खरीदें - कई बार बच्चों को दुलार में हम कई गैरजरूरी चीजें खरीद कर दे देते हैं। इससे जहां फिजूल खर्ची होती है, वहीं बच्चों की आदतें भी खराब होती हैं। ऐसे में बच्चों की जिद को नजरअंदाज करें और उन्हें गैरजरूरी चीजों को खरीद कर रुपयों की बर्बादी से रोकें। साथ ही इस मामले में समझाएं ऐसे में वे फिजूलखर्ची से खुद ही बचने लगेंगे।

रुपयों की अहमियत समझाएं - बच्चों को रुपयों की अहमियत समझाएं। उन्हें बताएं कि आप पैसा उन्हीं के भविष्य के लिए कमा रहे हैं और पैसा बहुत मेहनत से कमाया जाता है। इसलिए इसे फिजूल कामों या बेकार की चीजों को खरीद कर बर्बाद नहीं करना चाहिए। मगर इस बात का भी ध्यान रखें कि वे जरूरी चीजों में भी पैसा खर्च करने से न बचने लगें।