किसानों को मांग के अनुरूप खाद-बीज उपलब्ध कराएं : भगत

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दक्षिणापथ। पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना एक आम बात है, लेकिन यह दर्द काफी असहनीय होता है और इसके कारण उठने-बैठने में भी दिक्कत होने लगती है। यह दर्द खराब जीवनशैली, मांसपेशियों में खिंचाव और कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकता है। हालांकि, अगर आप कुछ सामान्य बातों का अच्छे से ध्यान रखते हैं तो पीठ के निचले हिस्से के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं या फिर इससे बचे रह सकते हैं।
हर समय न लेटें
अगर कोई व्यक्ति पीठ के निचले हिस्से के दर्द से ग्रस्त होता है तो वह इस चक्कर में बिस्तर पर लेटे-लेटे ही अपना काफी समय निकाल देता है और कोई भी काम नहीं करता है। हालांकि, ऐसा करने से पीठ के निचले हिस्से का दर्द कम होने की बजाय बढ़ सकता है। इसलिए जब भी आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो तो आप थोड़ी बहुत गतिविधियां जरूर करें।
शारीरिक पॉश्चर को ठीक रखें
खड़े होते, बैठते और सोते समय शारीरिक पॉश्चर सही हो तो इससे पीठ के निचले हिस्से का दर्द दूर हो सकता है। दरअसल, गलत शारीरिक पॉश्चर से भी पीठ के निचले हिस्से का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए हमेशा सीधे खड़े हों और किसी भी जगह पर बैठते समय अपनी पीठ को सीधा रखें। इसी के साथ एक ही पोजिशन में लंबे समय तक बैठने से भी बचें। वहीं, टेढ़ा-मेढा सोने की बजाय आराम मुद्रा में सोएं।
वार्मअप जरूर करें
अगर आप पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए कोई भी एक्सरसाइज करने वाले हैं तो इससे पहले वार्मअप करना न भूलें। दरअसल, अगर आप सीधा ही एक्सरसाइज करना शुरू कर देते हैं तो पीठ के निचले हिस्से का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए वर्कआउट सेशन की शरूआत हमेशा कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और वार्मअप से करें। ऐसा करने से पीठ के निचले हिस्से में होने वाला दर्द जल्द दूर होगा।
सही गद्दे पर सोएं
अगर आपके बिस्तर के गद्दे काफी ज्यादा कठोर हैं तो इससे आपकी पीठ के निचले हिस्से पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने बिस्तर के लिए ऐसे गद्दों का चयन करें जिन पर सोने पर आपकी पीठ को आराम मिले। इसका मतलब गद्दा ऐसा होना चाहिए जो न ज्यादा कठोर हो और न ही ज्यादा नरम हो। इसके लिए कॉटन मैट्रेस को प्रभावी माना जाता है।