वीडियो शेयर कर बोलीं कंगना-मैं पैदाइशी बागी हूँ

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दक्षिणापथ, दुर्ग। कोरोना के लक्षण वाले कई लोग आज भी बेधड़क घूम रहे हैं, यहां तक रिश्तेदारों व परिचितों में घूम-घूमकर कोरोना की सौगात बांट रहे है। इस प्रकार की कई जानकारियां सामने आई है। पाटन ब्लाक के ग्राम मर्रा में जो 11 कोरोना मरीज मिले हैं, वे भी इसी तरह संक्रमित होने की जानकारी मिली है। एक सम्भावित कोरोना पेसेंट गांव आ गया था पैसे जुटाने। अपनी हकीकत न बताकर उसने कई लोगो से मुलाकात किया। नतीजा सामने है। फिलहाल ग्राम मर्रा में गम्भीरता से लॉक डाउन लागू पंचायत ने किया है। सोशल डिस्टेंसिग फॉलो नही करने वालो से अर्थदंड वसूला जाएगा।
ग्राम पंचायत मर्रा के सरपंच धनेश्वर ठाकुर ने कहा कि कोनो टोकत रोकत हे त वो आपके भला चाहथे अउ कोनो तरह के जान माल के कि नुकसान न ई हे त चुपचाप अच्छा बच्चा टाईप बात ल मान लेना चाहिए । भिलाई निवासी गृहणी ललिता चन्द्राकर ने बताया कि एक झन हमर चाचाजी हे जोन ह समाज के पूर्व नगर अध्यक्ष भी रही चुके हें वोमन अपन लईका ल रोज कहाय दुकान के काउंटर ल थोकन दूर में रख डिस्टेंस मेंटेन करके लईका नई मानीस ,सबले पहिली उही ल ईका ल पाजि़टिव अईस फेर जब सब झन के टेस्ट करईस त चार छोटे लईका अउ एक झन बेटा भर के नेगेटिव अईस अउ दूनों सियान सुद्धा पांच झन के पाजि़टिव अईस एक झन घरे में रिहिस ,चार झन प्राईवेट अस्पताल में दस दिन बाद छुट्टी होईस । अब सोच लव कतका के बिल बनीस होही अउ तकलीफ अलग। बांच गे त बांच के नहीं तो जीवन दांव में लग गे रिहिस। शिक्षिका सुरेखा देशमुख ने कहा कि आपके एक गलती या लापरवाही के सजा पूरा परिवार अउ समाज उपर परथे। ये नहीं सोचना चाहिए कि मोर मर्जी मेंह जहां भी जावंव आवंव तोला का करना हे ,सबल करना हे ते कोरोना ल बो देबे वोकर सजा सब ल भुगतना परही।
सामाजिक कार्यकर्ता संध्या परगनिहा ने बताया कि मेरी फ्रेंड की मम्मी की तबियत खराब थी नॉर्मली वो बीमार रहती हैं तो वेसे ही है करके लगा तो मैं और मेरी फ्रेंड कुछ काम से दुर्ग गए थे तो फल लेकर उनके घर गये उनकी हालत देख उन्हें हॉस्पिटल ले जाना पड़ा वहां प्राइवेट में उनका एक्स-रे हुआ तो डॉक्टर ने दवा दी घर आते आते उनकी सांस फूलने लगी तो फिर हॉस्पिटल ले गए तो डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट किया तो पोसिटिव निकला मैं और मेरी फ्रेंड उसके ही फ्लैट में रहे वो अपने पति और बच्चे को दूसरे घर मे भेजी …. इतना सब सिर्फ इसलिए के कही हमसे किसी को संक्रमण ना हो जाये और जब टेस्ट निगेटिव हुआ तब मैं अपने घर आई। प्रगति नगर, भिलाई निवासी सुषमा वर्मा की राय है कि इन हालातों में जिन्हें कोई लक्षण नहीं हो, रिपोर्ट आते तक खाना उन्हीं से बनवाईये नहीं तो उन्हें भी हो जायेगा ,अपना बाथरूम साबुन सोडा अलग रखिए । वाशिंग मशीन में इक_े कपड़े मत डालिए , अपने आप को कोविड समझकर ही सावधानी बरतो ,दो दिन में पिक्चर क्लियर हो जायेगा ।

व्यवसाई मुकेश चन्द्राकर ने जानबूझकर की गई कोरोना फैलाने की हरकत की निंदा करते हुए कहा कि सभी मामलों को कानून के दायरे में लाना संभव नही। अगर हमारी सोंच सही है तो हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि अगर हमें हो गया है तो हम कम से कम अपनों या औरो से दूर रहें। समझदारी यही कहती है। ऐसे लोगो से परमानेंट दूरी बना लो जो आपके और आपके परिवार के लिए खतरा हो।
ग्राम सेलूद के पूर्व युवा सरपंच तारेंद्र बंछोर के मुताबिक कभी कभी ऐसा भी होता है कि पाजि़टिव पेशेंट को अस्पताल लेकर जाना पड़ सकता है ऐसे समय में सावधानी रखें ,मरीज और बाकी लोग मास्क लगा लें अच्छी तरह से उपर से और कवर कर लें, उनको पीछे अकेले बिठायें बिना एसी चलाये ग्लास खोलकर गाड़ी चलायें, नाक आंख मुंह को न छुएं तो शायद वो आंख वायरस फैलने का रिस्क थोड़ा कम हो सकता है ऐसा मैं सोचती हूं पर एक्सपर्ट लोग अच्छी तरह से बता पायेंगे।
नाम न छापने की शर्त पर रख महिला ने बताया कि एक रिस्तेदार पढे लिखे ऊंचे पोस्ट में है उनको मालूम था उनका पॉजेटिव है फिर भी घर आये जबकी घर मे बच्चे बुजुर्ग माँ है। ऐसे लोगो की कमी नही जो दूसरों को हिदायत देते है पर खुद गलत काम करते हैं । समाज मे प्रतिष्ठित पद पर है उनकी जिमेदारी थी ऐसे समय मे न आये किसी के घर भी नही आना जाना चाहिए अपने परिवार को तो सुरक्षित रखे और हमे बीमारी देने आये थे।