गुरूर। क्षेत्र मे अब लावारिस नवजात शिशुओं के पालन-पोषण के लिए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को किसी एनजीओ की सहायता नहीं लेनी पड़ेगी। बाल सरंक्षण योजना के तहत महिला बाल विकास विभाग व्दारा गुरूर अस्पताल में शिशु स्वागत केंद्र की स्थापना की गई है जहंा कोई भी महिला, पुरुष या दंपति जो अपनी पहचान सार्वजनिक न करना चाहता हो, वह नवजात को पालना में सुरक्षित रखकर लौट सके।
समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरूर में अस्पताल में मुख्य गेट के सामने पालना स्वागत केन्द्र बनाया गया है। गौरतलब है कि हर साल दर्जनों नवजात बच्चे झाडिय़ों व लावारिस जगहों पर फेंक दिए जाते हैं। किसी की नजर पड़ गई तो ठीक, नही तो लावारिस वहीं दम तोड़ देते हैं या फिर उनका भविष्य ही अंधकारमय हो जाता है ऐसे में सरकार की इस पहल से अब अनचाहे शिशुओं को बचाने के लिए पालना शिशु स्वागत केंद्र खोलने का काम शुरू हो चुका है।
यह पालना केंद्र सभी सरकारी अस्पतालों, बस स्टैंड या सार्वजनिक स्थानों पर खोले जाएंगे। कोई भी अपने अनचाहे शिशु को नालियों व झाडिय़ों में फेंकने के बजाय इस पालने में सुरक्षित रखकर चुपचाप जा सकता है। सरकार ऐसे शिशुओं का लालन-पालन करेगी। कई बार ऐसे शिशु कुत्ते या फिर दूसरे जानवरों के शिकार बन जाते हैं। ऐसे नवजातों को ही बचाने का बीड़ा महिला कल्याण विभाग ने उठाया है। विभाग की मदद से सभी सामान्य अस्पतालों के अलावा पीएचसी व सीएचसी केंद्र पर पालना शिशु स्वागत केंद्र खोला जाएगा।
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