लॉकडाउन का एक महीना पूरा, हालात में सुधार नहीं

लॉकडाउन का एक महीना पूरा, हालात में सुधार नहीं

-गौरव पथ निर्माण से जुड़े सवालों पर सत्तापक्ष कांग्रेस व विपक्षी भाजपाईयों के बीच हुई जमकर तकरार, बजट पर चर्चा अधूरी, बैठक शुक्रवार के 12 बजे तक के लिए स्थगित
दक्षिणापथ, दुर्ग।
दुर्ग नगर पालिक निगम की सामान्य सभा की बैठक गुरुवार को काफी हंगामेदार रही। स्थानीय खालसा पब्लिक स्कूल मालवीय नगर के सभागार में आयोजित बैठक में महापौर धीरज बाकलीवाल ने सदन में 2021-22 का बजट पेश किया, लेकिन समय अभाव के कारण बजट पर चर्चा अधूरी रही। जिसकी वजह से सभापति राजेश यादव ने बजट बैठक शुक्रवार को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इसके पहले सामान्य सभा की बैठक में गुरूवार की दोपहर एल्डरमैन कृष्णा देवांगन के नियुक्ति मामले को लेकर सदन में खूब शोर-शराबा मचा। विपक्षी भाजपा और निर्दलीय पार्षदों ने एल्डरमैन कृष्णा देवांगन की नियुक्ति को पूर्व निगम परिषद के कार्यकाल का होने का आरोप लगाते हुए उसे वर्तमान परिषद में अयोग्य बताया और सदन से बाहर भेजने आवाज बुलंद की।

जिसके बचाव में सत्तापक्ष कांग्रेस पार्षदों के सामने आने से सदन में जोरदार हंगामा मचा। सत्तापक्ष का कहना था कि एल्डरमैन कृष्णा देवांगन की नियुक्ति नियमों के तहत हुई है, जबकि नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा, नरेश तेजवानी, निर्दलीय पार्षद शिवेन्द्र सिंह परिहार, नीता जैन का आरोप था कि एल्डरमैन कृष्णा देवांगन की नियुक्ति पूर्व निगम परिषद में हुई है। पूर्व निगम परिषद के भंग होने से कृष्णा देवांगन की नियुक्ति भी शून्य हो गई है। इसलिए कृष्णा देवांगन को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है। विपक्षी भाजपा व निर्दलीय पार्षद शोर शराबा मचाते हुए एल्डरमैन कृष्णा देवांगन की नई नियुक्ति के आदेश कापी दिखाने सदन में अड़े रहे। जिससे आधे घंटे के अंतराल में सभापति राजेश यादव को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। अंतत: सभापति द्वारा एल्डरमैन कृष्णा देवांगन के नियुक्ति मामले में राज्य शासन से मार्गदर्शन लेकर कार्यवाही किए जाने संबंधी बात कहे जाने के बाद ही भाजपा व निर्दलीय पार्षद शांत हुए। लेकिन विपक्षी पार्षद सभापति के इस वक्तव्य से संतुष्ट नजर नहीं आए। इस बीच सभापति राजेश यादव द्वारा नवंबर 2020 में हुए बजट बैठक के कार्यवृत्त को संशोधन के साथ पुष्टि के लिए सदन में रखा गया। सभापति ने प्रश्नकाल की कार्यवाही प्रारंभ करवाई।

प्रश्नकाल के लिए एक घंटे का समय निर्धारित किया गया था। प्रश्नकाल में लॉटरी ड्रा के माध्यम से निकले प्रश्नों को ही शामिल किया गया। एल्डरमैन जगमोहन ढीमर के अमृतमिशन के कार्यो से जुड़े प्रश्नों का जलगृह प्रभारी संजय कोहले ने जवाब दिया। एल्डरमैन अंशुल पांडेय के प्रश्न पर सदन में जमकर कहासुनी हुई। श्री पांडेय का सवाल गौरव पथ निर्माण से जुड़ा हुआ था। उन्होने पूछा था कि भाजपा के सत्तावाली निगम परिषद के कार्यकाल में निर्मित गौरव पथ निर्माण में कितनी राशि खर्च की गई है। कितने पेड़ काटे गए है। प्रश्न के जवाब में लोककर्म प्रभारी अब्दुल गनी ने गौरव पथ निर्माण में भारी भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया। करीब 46 नीम के पुराने पेड़ काटे जाने से सदन को अवगत कराया, लेकिन विपक्षी भाजपा पार्षदों को अब्दुल गनी का जवाब रास नहीं आया और वे हो-हल्ला मचाने में उतारु हो गए। जिससे लोककर्म प्रभारी अब्दुल गनी व विपक्षी भाजपा पार्षदों के बीच जमकर तकरार हुई।

स्वास्थ्य विभाग प्रभारी हमीद खोखर ने भाजपा पार्षद पुष्पा गुलाब वर्मा के कुत्तों के बधियाकरण से संबंधित सवालों का जवाब दिया। श्री खोखर ने बताया कि वर्तमान में कुत्तों का बधियाकरण बंद कर दिया गया है, लेकिन पूर्व में 21सौ 11 कुत्तों का बधियाकरण किया गया है। बाजार प्रभारी ऋषभ जैन ने निर्दलीय पार्षद अरुण सिंग के प्रश्नों का जवाब दिया। श्री जैन ने कहा कि निगम को 3 लाख की चपत लगाकर भागने वाले व्यवसायी इमरान खान को नोटिस भेजा गया है। लेकिन पार्षद अरुण सिंह जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। जिससे उक्त मामले को लेकर शोर-शराबा मचा। इस मामले में सभापति राजेश यादव ने हस्तक्षेप किया और कहा कि मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे।

जिसके बाद शोर-शराबा थमा। एजेंडों पर चर्चा में सत्तापक्ष कांग्रेस व विपक्षी भाजपा पार्षदों के बीच तकरार बना हुआ था। जिससे शोर-शराबा का माहौल बना हुआ था। बैठक में विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल, एमआईसी प्रभारी दीपक साहू, मदन जैन, एल्डरमैन राजेश शर्मा, रत्ना नारमदेव, भाजपा पार्षद ओम प्रकाश सेन, देवनारायण चंद्राकर, नरेन्द्र बंजारे, निर्दलीय पार्षद मीना सिंह, आयुक्त हरेश मंडावी के अलावा अन्य पार्षद शामिल हुए।