जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का रिसाली में शिविर, अंतिम व्यक्ति को न्याय और योजना का मिले लाभ: न्यायाधीश उमेश

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का रिसाली में शिविर, अंतिम व्यक्ति को न्याय और योजना का मिले लाभ: न्यायाधीश उमेश
-डीएलसीसी की बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने की समीक्षा, कहा एक बार पुन: चिन्हांकन कर छूट गये परिजनों को भी क्लेम दिलाने युद्धस्तर पर करें काम दक्षिणापथ, दुर्ग । प्रधानमंत्री जीवन ज्योति जीवन बीमा योजना के हितग्राही खाताधारकों के परिजनों को बैंक मृत्यु उपरांत दो लाख रुपए का क्लेम देते हैं। कोविड में हुई मौतों के पश्चात जिला प्रशासन ने बैंकर्स को इन क्लेम सेटलमेंट पर तेजी से काम करने निर्देश दिये थे। इसके लिए प्रशासन ने प्रभावितों की सूची, मोबाइल नंबर एवं अन्य सभी जानकारी बैंकर्स को उपलब्ध कराई थी, इसके साथ ही काल सेंटर के माध्यम से परिजनों को काल भी किया गया था। आज अब तक हुए क्लेम सैटलमेंट के संबंध में अपर कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने डीएलसीसी की बैठक में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्लेम सैटलमेंट के संबंध में सीआरजीबी, एसबीआई, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, इंडियन बैंक आदि ने अच्छा कार्य किया है। परिजनों को इससे बड़ी राहत मिली है। बैंकर्स यह भी सुनिश्चित करें कि सभी मामलों में बीमित के परिजनों को इसका लाभ मिल सके। इसके लिए जो बचे क्लेम सैटलमेंट हैं उन पर तेजी से काम करें। एक बार पुन: सूची के मुताबिक परीक्षण करा लें, लोगों से संपर्क कर लें और यह सुनिश्चित करा लें कि सभी के क्लेम सैटल हो जाएं। आज डीएलसीसी की बैठक में जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन, बैंक आफ बड़ौदा के डीआरएम सिद्धार्थ वर्मा, आरबीआई की श्रीमती सुक्षिमा नायक एवं बैंकर्स उपस्थित थे। बैठक में अपर कलेक्टर ने प्राथमिकता सेक्टर पर अधिक फोकस करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो प्रकरण आपके पास आये हैं उन पर तेजी से निराकरण करें। उन्होंने कहा कि एसएचजी की महिलाओं में काम करने बड़ी क्षमता है। जब वे बैंकर्स के पास आयें, उनके खाते खोलने का काम एवं उनके प्रकरण निपटाने का काम तेजी से हो। बैंकर्स की ओर से मिली सकारात्मक पहल से उनका आत्मविश्वास और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में बैंकर्स किसी खास दिन को इसके लिए नियत भी कर सकते हैं। बैठक में उन्होंने नाबार्ड की योजनाओं का लाभ भी लोगों को देने बैंकर्स और अधिकारियों से अपील की। नाबार्ड ने कृषि आधारभूत संरचना निधि उपलब्ध कराई है। इसके माध्यम से एसएचजी एवं कृषकों को कृषि संबंधी नवाचारों के लिए ऋण मिल सकता है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक एम बड़ा ने कहा कि इसके लिए अधिकारियों के साथ बैठक लेकर कार्ययोजना बनाएंगे ताकि एसएचजी ऐसे प्रकरण प्रस्तुत कर सकें। इस अवसर पर नाबार्ड की पुस्तिका पोटेंशियल लिंक्ड क्रेडिट प्लान 2022-23 का विमोचन भी किया गया। इस प्लान में 2403 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि दुर्ग जिले के लिए रखी गई है। इन बैंकों में इतना हुआ कोविड क्लेम का सैटलमेंट सबसे ज्यादा सीआरजीबी ने 132 प्रकरण, एसबीआई ने 76 प्रकरण, बैंक आफ बड़ौदा ने 17 प्रकरण, बैंक आफ इंडिया के 31 प्रकरण, इंडियन बैंक के 14 प्रकरण, सेंट्रल बैंक के 6 प्रकरण और यूनियन बैंक तथा आईडीबीआई बैंक के एक-एक प्रकरण शामिल हैं।