अल सुबह आयुक्त पहुंच गए नल घर.. पानी खुलने के समय और टंकी में पानी के लेवल का किया निरीक्षण …

अल सुबह आयुक्त पहुंच गए नल घर.. पानी खुलने के समय और टंकी में पानी के लेवल का किया निरीक्षण …
दक्षिणापथ, रामानुजगंज (विकास केशरी)।रामानुजगंज जल संसाधन विभाग संभाग क्रमांक 2 के द्वारा किस प्रकार से शासन की योजनाओं का बंटाधार किया जा रहा है यह धरमी जलाशय को देखकर समझा जा सकता है। धरमी जलाशय के लिए शासन के द्वारा 2 करोड़ 79 लाख रु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए गए थे परंतु इसमें 4 करोड़ 32 लाख रुपए खर्च कर दिए गए परंतु हैरान कर देना वाला बात यह है कि आज तक बांध में गेट तक नहीं लग सका है। यदि समय पर बांध एवं नहर का कार्य पूर्ण हो जाता तो 200 हेक्टेयर सिंचित होते, परंतु धरमी जलाशय योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। और न आज तक इसकी जांच हुई न दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही हुई जिस कारण शासन की योजनाएं इसी प्रकार से धरातल में दम तोड़ रही हैं। जल संसाधन संभाग क्रमांक 2 के द्वारा धरमी जलाशय में अर्थ वर्क बण्ड नाला क्लोजर, 0 मीटर से 250 मीटर बोल्डर टू पीचिंग, 1 बेस्ट बियर,फ्लश वार 2 नग,सूलुस वेल,कैनाल का कार्य किया जाना था। उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति 9 मई 2015 को मिली थी वही वर्क आर्डर 29.8.2016 को हुआ था। जिस कार्य को 6 माह में पूर्ण हो जाना चाहिए था वह कार्य 5 वर्ष के बाद भी पूर्ण नहीं हो सका है। किसान आज ठगा महसूस कर रहे हैं । वही धरमी जलाशय योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। धरमी जलाशय के लिए दो करोड़ 79 लाख रुपय अनुबंध हुआ था उस कार्य में चार करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च कर दिए गए परंतु आज तक धरमी जलाशय योजना पूर्ण नहीं हो सका है। किसानों के द्वारा कई बार जलाशय को पूर्ण किए जाने की मांग विभाग से अधिकारियों से की गई परंतु विभाग के अधिकारियों के कान में जूं नहीं रेंगी एवं भ्रष्टाचार करने में लिप्त रहे । इस योजना के नाम पर करोड़ों रुपए का वारा न्यारा कर दिया। निर्माण भी क्षतिग्रस्त होने लगा.. धरमी जलाशय योजना के लिए कंक्रीट का भी कार्य किया गया था परंतु कार्य इतना गुणवत्ता विहीन था कि 4 वर्षों में अब वह भी टूटने लगा है स्थिति यह है कि ग्रामीणों को आज तक ना इसका लाभ मिला न योजना पूर्ण हो सकी। अधिकांश जलाशय योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी... जल संसाधन संभाग क्रमांक 2 रामानुजगंज के अंतर्गत विगत तीन-चार वर्षों में जितनी भी जलाशय योजना बनी अधिकांश भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई स्थिति यह है कि जितनी प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी उसमें कार्य बेहतर हो सकता था परंतु प्रशासकीय स्वीकृति से अतिरिक्त भी राशि खर्च हुई परंतु कई जलाशय योजना अब तक पूर्ण नहीं हो सकी है। न जांच, न कार्यवाही अधिकारियों के हौसले बुलंद होंगे ही.. जल संसाधन विभाग पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगे एवं भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित भी हैं परंतु आज तक विभाग के अधिकारियों पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई जिस कारण भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं। जल संसाधन विभाग के ही अधिकारी के द्वारा विभाग के कार्यपालन अभियंता एवं अन्य के विरुद्ध धारा 420 का मामला दर्ज कराया था जो रामानुजगंज थाने में आज भी लंबित। इस संबंध में मुख्य अभियंता ओतिमा उइके हसदेव गंगा कछार ने कहा कि कार्यपालन अभियंता से रिपोर्ट लेती हूं कि अब तक योजना पूर्ण क्यों नहीं हो सकी।