वॉशिंगटन । भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति सहित 12 से अधिक सांसदों ने 14 अप्रैल को 'राष्ट्रीय सिख दिवस घोषित करने को लेकर प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव में अमेरिका के विकास में सिख समुदाय के अहम योगदान का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका को सशक्त बनाने और यहां के नागरिकों को प्रेरित करने में सिख समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के तौर पर 'राष्ट्रीय सिख दिवस घोषित करने का समर्थन किया गया है।
सांसद मैरी गेल सानलोन 28 मार्च को सदन में पेश किए गए प्रस्ताव की प्रस्तावक हैं, जबकि केरेन बास, पॉल टोंको, ब्रायन के. फित्जपैट्रिक, डेनियल म्यूजऱ, एरिक स्वालवेल, राजा कृष्णमूर्ति, डोनाल्ड नॉरक्रॉस, एंडी किम, जॉन गारामेंडी, रिचर्ड ई नील, ब्रेंडन एफ. बॉयले और डेविड जी वालादाओ इसके सह-प्रस्तावक हैं। सिख कॉकस कमेटी, सिख को-ऑर्डिनेशन कमेटी और अमेरिकी सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एजीपीसी) ने प्रस्ताव का स्वागत किया है।
यूएस में सिख समुदाय के खिलाफ धार्मिक भेदभाव बढ़ा
कुछ दिनों पहले प्रख्यात मानवाधिकार विशेषज्ञ अमृत कौर आकरे ने अमेरिकी सांसदों से कहा था कि अमेरिका में सिख समुदाय के खिलाफ धार्मिक भेदभाव और घृणा अपराध में वृद्धि हुई है। उन्होंने प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से इसे समाप्त करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, सरकारी नीतियों और कानूनों की पक्षपातपूर्ण व्याख्या से परिवहन, मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल, सैन्य और कानून प्रवर्तन सहित सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की नौकरियों में सिखों को नुकसान होता है।
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