महेश बाबू को लॉकडाउन के दौरान मिल रही है अनगिनत स्क्रिप्ट

महेश बाबू को लॉकडाउन के दौरान मिल रही है अनगिनत स्क्रिप्ट


-विपक्षी भाजपा व निर्दलीय पार्षदों के विरोध के बीच महापौर धीरज ने पढ़ा बजट भाषण, सभापति राजेश को सदन चलाने में करनी पड़ी मशक्कत

दक्षिणापथ, दुर्ग। दुर्ग नगर पालिक निगम के नए परिषद की 10 माह बाद आयोजित पहली बजट बैठक सोमवार को सदन में अव्यवस्था और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप के मुद्दे से हंगामेंदार बनी रही। बैठक में प्रश्नकाल के जवाबों और एजेंडे के विषयों पर सत्तापक्ष कांग्रेस व विपक्षी भाजपा के अलावा निर्दलीय पार्षदों की कम बल्कि दीगर विषयों पर ज्यादा दिलचस्पी दिखाते नजर आए। जिससे बजट बैठक में शोर-शराबा का आलम छाया रहा। सदन में महापौर धीरज बाकलीवाल को सदन में भाषण पढऩे का जरुर अवसर मिला, लेकिन उनका यह भाषण विपक्षियों व निर्दलीय पार्षदों के शोर-शराबें की भेंट चढ़ गया। बजट भाषण के समय विपक्षी व निर्दलीय पार्षद सदन में धरने पर बैठ गए थे। निर्दलीय पार्षद सुश्री नीता जैन को उत्तर पत्रक में श्रीमती शब्द से संबोधित किए जाने के मुद्दे पर स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा खेद व्यक्त किए जाने के बावजूद विपक्षी व निर्दलीय पार्षद शांत नहीं हुए।

वे आयुक्त और लेखाधिकारी द्वारा खेद व्यक्त किए जाने को लेकर अड़े हुए थे। सदन में शोर-शराबे का माहौल बना हुआ था। नगर पालिक निगम की बजट बैठक पूर्व निर्धारित समयानुसार सोमवार को दोपहर 12 बजे कुशाभाऊ ठाकरे मांगलिक भवन आदित्य नगर में सभापति राजेश यादव की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई। बैठक के शुरुवात में छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत का गायन किया गया, लेकिन राष्ट्रगीत नहीं किया गया। जिस पर बैठक के शुरुवात में ही विपक्षी भाजपाईयों ने अपने तेवर दिखाते हुए इसे राष्ट्रगीत का अपमान बताते हुए राष्ट्रगीत के गायन को लेकर सदन में दबाव बनाया गया। फलस्वरुप सभापति राजेश यादव की अनुमति से सदन में राष्ट्रगीत का गायन किया गया।

इस मुद्दे का शोर थमा नहीं था कि विपक्षी व निर्दलीय पार्षदों ने सदन में बैठक व्यवस्था के लिए कुर्सी का अभाव, मार्शल व्यवस्था के लिए आयुक्त द्वारा पत्र जारी करने के मुद्दे पर निगम प्रशासन को जमकर घेरा। निर्दलीय पार्षद शिवेन्द्र सिंह परिहार व सुश्री नीता जैन द्वारा इस मुद्दे पर आयुक्त की जमकर खिलाफत की गई और आयुक्त द्वारा खेद व्यक्त करने की मांग उठाई गई। इस मांग से उपजे शोर-शराबे के कारण सभापति को सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी। 10 मिनट बाद सदन पुन: शुरु होने पर सभापति द्वारा प्रश्नकाल की कार्यवाही प्रारंभ की गई। निर्दलीय पार्षद सुश्री नीता जैन का मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का किन-किन वार्डो में लाभ मिलने के संबंध में प्रश्न आधारित था। जिसके जवाब में स्वास्थ्य प्रभारी हमीद खोखर ने जवाब दिया कि यह योजना नगर निगम की योजना नहीं है। इसका संचालन जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। जवाब से असंतुष्ट सुश्री जैन की इस मुद्दे पर स्वास्थ्य प्रभारी श्री खोखर से जमकर तकरार हुई। सुश्री जैन का कहना था कि यह योजना जब नगर निगम का नहीं है तो इस प्रश्न को सदन में क्यों लाया गया। स्वास्थ्य प्रभारी के जवाब को प्रोसेडिंग रजिस्टर में दर्ज किया जाए।

इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा के पुलगांव गौठान में खर्च के संबंधित प्रश्न का लोककर्म प्रभारी अब्दुल गनी ने जवाब दिया। पार्षद राजकुमार नारायणी के सवाल का जलगृह प्रभारी संजय कोहले द्वारा जवाब दिया गया, लेकिन जवाबों से असंतुष्ट विपक्षियों व निर्दलीय पार्षदों द्वारा सत्तापक्ष को घेरने का कोई अवसर नहीं छोड़ा जिससे सदन बीच-बीच में हंगामें में तब्दील होता रहा। बैठक के दौरान सभापति राजेश यादव द्वारा सत्तापक्ष व विपक्षियों के तकरार को संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। विपक्ष भाजपा बैठक में हावी रहा। सत्तापक्ष कांग्रेस विपक्षियों के सवालों पर कई बार निरुत्तर नजर आए। जिससे सदन में बार-बार हंगामें की स्थिति निर्मित होती रही।