कैट ने ई-कॉमर्स अनियमितताओं के मुद्दे पर पीएम मोदी से हस्तक्षेप का किया आग्रह….

कैट ने ई-कॉमर्स अनियमितताओं के मुद्दे पर पीएम मोदी से हस्तक्षेप का किया आग्रह….
इस्लामाबाद । पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान चुनाव आयोग को चि_ी लिख कर पूछा था कि कब चुनाव कराए जा सकते हैं। अब चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति के इस चि_ी का जवाब दे दिया है। आयोग ने कहा है कि अक्टूबर महीने से पहले चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। आयोग ने कहा है कि अगले तीन महीने में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं है, हम अक्टूबर में चुनाव कराने को तैयार हैं। क्यों लगेगा छह महीने का वक्त? इससे पहले ही पाकिस्तान चुनाव आयोग ने कहा था कि कई कानूनी अड़चनों और प्रक्रियात्मक चुनौतियों को कारण अगले तीन महीने के भीतर आम चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। पाकिस्तान चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने डॉन अखबार से बातचीत में कहा था कि आम चुनाव की तैयारियों में करीब छह महीने लगेंगे। चुनाव आयोग की क्या है दिक्कतें? अधिकारी ने बताया था कि परिसीमन में वक्त लगता है। यहां आपत्तियों को रजिस्टर करने के लिए एक महीने का वक्त दिया जाता है। और फिर उन आपत्तियों को सुलझाने के लिए एक महीने का वक्त लगता है। इसके साथ ही वोटर लिस्ट भी अपडेट करना होता है। ऐसे में इस पूरे काम को करने में कम से कम तीन से छह महीने का वक्त लगेगा। अधिकारी ने आगे बताया है कि इतनी जल्दी में चुनाव सामग्री की खरीद, बैलट पेपर की व्यवस्था और मतदान कर्मियों की नियुक्ति और उनकी ट्रेनिंग आदि भी चुनौती हैं। उन्होंने बताया कि कानून के तहत वाटर मार्क वाले बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना था जो देश में उपलब्ध नहीं हैं और उन्हें आयात करना होगा। राजनीतिक हालात अस्थिर इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग करने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और संवैधानिक संकट के हालात हैं। पाक सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हैं फिर भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश देगा? अगर ऐसा हुआ को इमरान खान का दोबारा चुनाव कराने का सपना टूट जाएगा और विपक्ष सत्ता पर काबिज हो सकता है। ऐसे में तुरंत चुनाव से भी बचा जा सकता है और सब ठीक रहा तो तय वक्त से जुलाई 2023 में चुनाव कराए जा सकते हैं।