रसमड़ा में बेरोजगारी एवं पर्यावरण प्रदूषण से सम्बंधित खबरों में मेरी सहमति नही:अजय वैष्णव

रसमड़ा में बेरोजगारी एवं पर्यावरण प्रदूषण से सम्बंधित खबरों में मेरी सहमति नही:अजय वैष्णव
- सोमवार से आंदोलन की राह में चल रहा मनरेगा-कर्मचारी दक्षिणापथ, दुर्ग । मनरेगा महासंघ के प्रवेश नेतृत्व के आहान पर सोमवार से पूरे दुर्ग जिले के कर्मचारियों और अधिकारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इस आंदोलन के संबंध में सभी ब्लाक अध्यक्ष ने अपने अपने एसडीएम को ज्ञापन सौप दिया है। इस हड़ताल के प्रभावी ढंग से लागू होने के कारण पूरे दुर्ग जिले में मनरेगा मजदूरों के सामने रोजगार का संकट उत्पन्न होने की आशंका है। विदित हो कि मनरेगा योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 60 हजार से ज्यादा मजदूरों को रोजगार प्राप्त होता है। महासंघ के आहान पर कर्मचारी, अधिकारियों के साथ ग्राम पंचायतों में काम करने वाले ग्राम रोजगार सहायक संघ ने भी आदोलन का समर्थन किया है। कल से शुरू हो रहे इस कलम बंद हड़ताल के बोर में संघ के जिला पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के पहले कई सार्वजनिक मंच पर लिखित और मौखिक रूप् से हमारे नियमितीकरण के लिए कहा था । लेकिन तीन साल से सत्ता में बैठे हुए इस सरकार ने नियमितीकरण की दिशा में अब तक एक काम भी नही उठाया है। सरकार के इस वादा खिलाफी के विरूद्धअब महासंद्य के आहान पर प्रदेश स्तरीय व्यापक आंदोलन प्रारंभ कर दिया गया है। जो कि नियमितीकरण की मांग पूरी होने के बाद ही रूकेगा। पदाधिकारियों ने बताया कि 10-15 वषो से सेवाएं देने के बाद भी अनियमित होने का दंश झेल रहे परिवारों का भविष्य अंधकारमय है। संविदा कर्मियों की तनख्याह अत्यंत कम है। और साल से एक भी वेतनवृद्धि नही दी गई है। सिविल सेवा आचारण नियम के तहत सिंर्फ नोटिस दिया जाता है। उसके आगे कार्यवाही करने के लिए संविदा नियम लगाया जाता है। इसलिए हमारी मांग हैं कि हमें सिविल सेवा आचारण नियम 1966 के अधीन नियमित किया जाए । ओदोलन के पहले चरण में सभी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया जाएगा । इसके बाद 11 अप्रैल को महारैली आयोजन किया जाना है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक अधिकारी कर्मचारियों के भविष्य की यह लड़ाई अब नियमितीकरण पाकर ही समाप्त होगी ।