निगम का कोष बढ़ाने आयुक्त ने ली क्लास: 33 बकायादारों को दूसरा नोटिस, टैक्स जमा नहीं किया तो निकलेगा कुर्की आदेश

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-अमृत मिशन के तहत राज्य के 9 शहरों के लिए स्वीकृत है 2236 करोड़ रूपए की कार्ययोजना -मिशन में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, अम्बिकापुर, जगदलपुर, रायगढ़ और कोरबा को किया गया है शामिल -चयनित शहरों में किए जा रहे हैं जलप्रदाय परियोजना, सेप्टेज मैनेजमेंट और उद्यान विकास के कार्य -भारत सरकार द्वारा मिशन के तहत निर्धारित रिफार्म के लक्ष्य की प्राप्ति पर नगरीय प्रशासन विभाग को मिली कुल 70 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि दक्षिणापथ, रायपुर। अमृत मिशन के तहत प्रदेश के एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले 9 नगरीय निकायों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, अम्बिकापुर, जगदलपुर, रायगढ़ और कोरबा में जलप्रदाय परियोजना, सेप्टेज मैनेजमेंट और उद्यान विकास के कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। मिशन के तहत जल प्रदाय परियोजना कोरबा का कार्य लगभग 98 प्रतिशत तथा जलप्रदाय परियोजना भिलाई का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसी प्रकार जल प्रदाय परियोजना राजनांदगांव, अम्बिकापुर, रायपुर एवं बिलासपुर की प्रगति लगभग 70 प्रतिशत है। जल प्रदाय परियोजना दुर्ग एवं रायगढ़ की प्रगति लगभग 50 प्रतिशत है। गौरतलब है कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत प्रदेश के इन 9 शहरों के लिए 2236 करोड़ रूपए की कार्ययोजना वर्ष 2015-20 से स्वीकृत की गई है। मिशन के तहत चयनित शहरों में 1804 करोड़ रूपए की लागत से जल प्रदाय परियोजना के कार्य किए जा रहे हैं। इसी प्रकार से 399 करोड़ रूपए से सेप्टेज-सीवरेज मैनेजमेंट और 33 करोड़ रूपए की लागत से उद्यान विकास के कार्य किए जा रहे हैं। सीवरेज/सेप्टेज घटक अंतर्गत रायपुर शहर में प्रवाहित होने वाले गंदे नालों के उपचार हेतु तीन नग एसटीपी (कुल क्षमता 200 एमएलडी) स्थापित करने हेतु 235 करोड़ रूपए स्वीकृति प्रदान की गई है, योजना की प्रगति लगभग 45 प्रतिशत है। इसी प्रकार रायगढ़ में दो नग एसटीपी (कुल क्षमता 32 एमएलडी) तथा जगदलपुर में 25 एमएलडी क्षमता का एक एसटीपी स्थापित करने हेतु 112 करोड़ स्वीकृत किए गए है, जिसकी भौतिक प्रगति लगभग 17 प्रतिशत है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित रिफार्म के लक्ष्य की प्राप्ति करने पर विभाग को कुल 70 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है (वर्ष 2015-16) में 13 करोड़, वर्ष 2016-17 हेतु 25 करोड़, वर्ष 2017-18 हेतु 14 करोड़ एवं वर्ष 2018-19 में 18 करोड़ रूपए प्राप्त हुए थे। मिशन के अंतर्गत समस्त परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया जा रहा है।