शराब कारोबारी माल्या को ब्रिटेन के उच्च न्यायालय से मिली राहत

शराब कारोबारी माल्या को ब्रिटेन के उच्च न्यायालय से मिली राहत

दक्षिणापथ, भिलाई । सोमवार को सुबह वार्ड क्रमांक 38 , 39 भिलाई के वार्डो में भ्रमण करते हुए विभिन्न सुविधाएं से वंचित पाया गया । श्री घोष ने बताया कि नालियों का सफाई मानो वर्षों से ना हुआ हो , साफ-सफाई का नामो निशान नहीं। गरीबों के प्रति इतनी निष्ठुरता को देखते हुए असहनीय पीड़ा का आभास होता हैं। ews घरों के टूटते छज्जे और बिना दरवाजे तथा पीने के पानी का नल, नालियों के भीतर घुसा हुआ पाना । इस युग में वो भी भिलाई जैसे शहर में पाना बहुत करुणा दृश्य उभर कर आया। आज यहां प्राणघातक समस्या को आमंत्रित किये हुए हैं। बने हुए शौचालय में पानी ना होने के कारण, मोहल्ला प्रदुषित हैं। पूछने पर पता चला की देखरेख करने वाले को विगत 3 महीनों से पगार ना मिलने के कारण आना बंद कर चुका, स्थितियाँ काफी गंभीर हैं।
श्री घोष ने बताया कि बस्तियों में बने हुए स्कूल की तस्वीर, शायद हमारी गर्व को ठेस पहुंचाती हैं, आज य़ह व्यवस्था आखों देखी व्यथा को दर्शाती हैं हर जगह दुर्गंध, स्कूल में अब पढ़ाई नहीं होती हैं बल्कि यहां असामाजिक तत्वों का जमघट हैं और उनके द्वारा विभिन्न नशा और मारपीट के अड्डा बना हुआ है ।

लोग हताश हैं , विगत 15 वर्षों से जुझ रहे समस्या का निवारण कब होगा । वार्ड के एक अन्य पाठशाला, सुभाष नगर में 5 वी के लिए भवन में 65 से 70 बच्चे पढ़ते है लेकिन इस प्राथमिक शाला में केवल एक शिक्षक हैं। इस वर्ष शाला में 50-60 बच्चों को भर्ती भी नहीं दिया गया हैं, प्रिन्सिपल से बात करने पर पता चला की इन बच्चों के ना आधार कार्ड हैं और ना ही जाति प्रमाण पत्र, इसलिए य़ह बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, जो बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है। वही महिला आगन बाड़ी और मितानिनों का किस प्रकार के कार्यविधि हैं य़ह प्रश्नवाचक बने हुए हैं ।
इस क्षेत्र को उन्नतिशील करने प्रेरणा दायक श्रीमती रीता सिंह गेरा की जितनी तारीफ की जाए वह कम होगी । इन्होंने खुद गरीबों के उत्थान के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं । आज दुर्ग जिला झुग्गी झोपड़ी के लगभग सभी सदस्यों द्वारा य़ह भृमण किया गया। जिसमें जिला महासचिव श्रीमती रीता सिंह गेरा एवं उनके 50-60 महिला सहयोगियों के साथ-साथ श्रीमती मधु चौबे और अरुण अग्रवाल उपस्थित हुए और सभी ने संकल्प लिया की सरकार की मदद से इस विशेष कार्य को जल्द से जल्द निवारण किया जाएगा।