जनपद पंचायत में अक्षर सम्मान समारोह आज

जनपद पंचायत में अक्षर सम्मान समारोह आज
दक्षिणापथ, दुर्ग। छत्तीसगढ़ शिक्षक में फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर दुर्ग जिला प्रशासन के आदेश पर सवाल उठाया उठाते हुए जिला प्रशासन से कहा है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश प्राकृतिक रूप से विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों का भी रहा है वर्ष भर लगातार बच्चों के साथ मेहनत करते हुए उनके शिक्षा दीक्षा में लगातार उपस्थित रहकर समाज निर्माण के कार्य में लगे रहते हैं एवं साथ ही अन्य गैर शिक्षक के कार्य जैसे वैक्सीनेशन निर्वाचन मिड डे मील अन्य सभी सरकारी योजनाओं में शिक्षकों की सेवा बढ़-चढ़कर रहती है पूरे कार्य को समाप्त करने के बाद भी अन्य कार्य तैयार रहते हैं। ऐसे में शिक्षक अपने परिवार से लगातार भौतिक और मानसिक रूप से पृथक रहता है। ग्रीष्मकालीन अवकाश एक ऐसा अवकाश है जहां सभी शिक्षक एवं पालक अपने बच्चों एवं परिवार के साथ कुछ दिनों की रिलैक्सेशन के लिए बाहर जाने का प्लान करते हैं। किंतु शासन के आदेश के चलते शिक्षकों ने भी छुट्टी पर परिवार के साथ जाने का मन छोड़ दिया एवं शिक्षा दीक्षा के कार्य में तल्लीनता से लग गए।मगर वर्तमान में अप्रैल महीना लू का महीना होता है जाम भीषण गर्मी में सूरज अपने रौद्र रूप में रहता है जिसके चलते वर्तमान तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है आगे और बढ़ने की संभावना के चलते बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत की खातिर राज्य शासन ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए नया आदेश 21 अप्रैल को जारी किया जिसमें भीषण गर्मी के कारण 24 अप्रैल से ही ग्रीष्मकालीन अवकाश को देने का निर्णय लिया जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पूर्व की योजना अनुसार 30 अप्रैल तक चलाए जाने वाले शिक्षण सत्र को संशोधित करते हुए परिवर्तित कर स्कूलों को 16 जून से खोलने का आदेश दिया गया है । आदेश ग्रीष्मकालीन अवकाश का है जो कि प्राकृतिक रूप से पूर्ववत की तरह बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों की भी होती है जिसमें यह आदेश है कि प्रशिक्षण एवं प्रशासकीय कार्य जारी रहेंगे। इसमें भी कई जिला शिक्षा अधिकारियों एवं शिक्षकों के बीच समझने में कन्फ्यूजन होने के कारण राज्य शासन ने उल्लेखित कर दिया गया है किया बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी ग्रीष्मकालीन अवकाश होगी जहां किसी भी प्रकार के ऑनलाइन क्लासेस का उल्लेख नहीं है। ऐसे में जिला प्रशासन दुर्ग में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ऑनलाइन क्लास एवं परीक्षा का उल्लेख करते हुए अपने आदेश में 14 मई तक स्कूल आने एवं ऑनलाइन क्लास भी लेने का फरमान जारी किया है जो कि वास्तविकता से परे है। एक तरफ राज्य शासन ने एंड लाइन परीक्षाओं में भी बच्चों के उपस्थित रहने ना रहने की स्वतंत्रता दी है और तो और पूर्ण रूप से ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है ऐसे में शत प्रतिशत संभव है की बच्चे अपने बालकों के साथ छुट्टियां मनाने अन्यत्र जगह जा सकते हैं जहां उन्हें अगले सत्र के शिक्षण के लिए रिफ्रेश होने का समय मिलता है वही परिस्थिति राज्य के शिक्षकों का भी है ऐसे में दुर्ग जिले में विशेष रूप से शिक्षकों को आने का फरमान जारी करना किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं लगता छत्तीसगढ़ शिक्षक महापरेशन पूर्ण रूप से इस आदेश का आपत्ति जताता है एवं जिला शिक्षा अधिकारी से अपील करते हुए पत्र जारी किए हैं की ग्रीष्मकालीन अवकाश को प्राकृतिक रूप से शिक्षकों को भी दिया जाए जिससे उनमें भी नए शिक्षा सत्र के लिए ऊर्जा रीजेनरेट हो सके इसी तारतम्य में महाफैडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने कहां है दुर्ग जिला के शिक्षकों को भी राज्य के अन्य जिलों के शिक्षकों की तरह ग्रीष्मकालीन अवकाश का अधिकार है जिसके लिए वे जिला शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे यदि बात नहीं बनती तब शिक्षा मंत्री महोदय एवं प्रमुख सचिव महोदय से भी मिलकर इस आदेश पर आपत्ति दर्ज कराएगी।