माड़ डिवीजन के माओवादी दम्पति ने पुलिस के समक्ष किया समर्पण

माड़ डिवीजन के माओवादी दम्पति ने पुलिस के समक्ष किया समर्पण
दक्षिणापथ, रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में चल रहे पदोन्नति विवादों में दोहरा स्नातक मुद्दा भी शामिल है जिसमें प्रारंभ के सभी उच्च स्तरीय संस्थानों यूजीसी, विश्वविद्यालय एवं लोक शिक्षण संचनालय से नियमावली में महाफैडरेशन के मांग के पूर्व स्थिति स्पष्ट नहीं थी । महाफेडरेशन ने दोहरे स्नातक के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइंस जारी करने की मांग की थी। इसमें सभी आला अधिकारी अधिकारियों ने एवं उच्च कार्यालय ने सहमति जताते हुए दोहरे स्नातक एवं सभी पदोन्नति नियमों में न्याय संगत कदम उठाने की बात कही।कई जिलों व ब्लाकों में अपने ही आदेश को निरस्त करते हुए कई जिला एवं संभाग में न्याय संगत नीतिगत आदेश को निकाला जिसमें छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने कहा कि यह न्याय व आम शिक्षकों की जीत है, जो नियमों में विश्वास रखते हैं। महाफेडरेशन के प्रांत प्रमुख श्री पाल ने कहा कि दोहरे स्नातक किये हुए शिक्षक भी आखिर हमारे साथी है, उनका भी भला संगठन चाहता है इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष ने दोहरे स्नातक का कभी विरोध नहीं किया। छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफेडरेशन इस मामले में दोनों पक्ष के साथ बराबर रहा लेकिन जो नीति शिक्षा विभाग और उच्च कार्यालयों की है उसी के अनुरूप न्याय करने की मांग की। इसी तारतम्य में नई शिक्षा पद्धति NET 2020 के परिपालन में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC ने नई पद्धति के अनुसार अभ्यर्थियों को उनकी शिक्षा के अधिकार के तहत दोहरे स्नातक एक साथ करने की अनुमति प्रदान करनें का आदेश समस्त विश्वविद्यालयों को जारी करते हुए अध्यादेश भेजा है परंतु कुछ नियमों एवं शर्तों के अधीन। छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन यूजीसी द्वारा दिए गए अध्यादेश का सम्मान करता है। इस संबंध में प्रदेश के सभी आला अधिकारियों का एवं सहायक शिक्षक साथियों का ध्यान खींचते हुए राजेश पाल ने आगे कहा कि यह अध्यादेश/नियम वर्तमान में चल रहे पदोन्नति प्रक्रिया में किसी भी तरह से लागू नहीं हो सकता । यूजीसी के नियमावली क्रमांक 5 के अनुसार अध्यादेश जारी होने के बाद के अभ्यर्थियों को ही लाभ प्राप्त होगा। ऐसे किसी भी अभ्यर्थियों को जिन्होंने यूजीसी के दोहरे स्नातक वाले अध्यादेश जारी होने की तिथि के पूर्व स्वत: ही स्नातक कर लिया है उनका भी प्रथम स्नातक ही पदोन्नति हो चाहे अन्य कार्य हो मान्य होगा।* परंतु शासन स्तर पर दोहरे स्नातक को मान्य करते हुए सीधे सीधे आदेश निकालना सर्व शिक्षक समाज के हित में नहीं लगता है छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन एसे आदेशों का कठोरता से विरोध करेगा जिसमें शिक्षकों को समानता के अधिकार से वंचित करते हुए चंद लोगों को फायदा पहुंचाने के मक़सद से नियम बना कर जारी कर दिया गया है। महाफैडरेशन इस आदेश का विरोध में पुनः शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव एवं मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखेगा । जिसमें शिक्षकों के समानता के अधिकार को छीना जा रहा है। सभी अभ्यर्थियों व शिक्षकों से अपील करता है कि वे अध्यादेश जारी होने के बाद दोहरा स्नातक कर सकते हैं ताकि आपको भविष्य में लाभ प्राप्त हो सके और सबको बराबरी का अधिकार मिले। प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने सभी अधिकारियों से अपील की है कि दोहरे स्नातक के मामले में दुर्ग संभाग के डीपीआई के वर्तमान निर्देशन में ही पदोन्नति प्रक्रिया पूरी हो जबकि यूजीसी के स्पष्ट नियमावली के नियम क्रमांक 5 से सिद्ध हो चुका हैं कि दुर्ग संभाग में वर्तमान में जारी पदोन्नति प्रक्रिया ही सही है।