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दक्षिणापथ, साजा। विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त के अवसर पर अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति के निर्देशन व्यवहार न्यायालय साजा के प्रांगण में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से उपस्थित साजा न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती अंकिता मुदलियार ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि आदिवासी समाज आज उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है किन्तु सामाजिक भागीदारी के हिसाब से इस समाज को और आगे आने की आवश्कता है इसलिए आज भी सामाजिक जनजागृति की आवश्यकता बनी हुई है,इस दिशा में शासन को आगे बढ़कर इस समाज के विकास और उन्नति के नए आयाम स्थापित करने होंगे तभी आदिवासी समाज उत्कृष्टता की और आगे बढ़ेगा और बदलते परिवेश में शिक्षा एवं विकास की ओर शासन को ध्यान देना होगा,उन्होंने आदिवासी समाज के लोगो को बहला-फुसलाकर किये जा रहे धर्म परिवर्तन को रोकने हेतु गंभीर चिंतन करते हुए शासन को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिरिक्त लोक अभियोजक लखनसिंह टेकाम ने कहा कि आदिवासी समाज को शासन द्वारा बनाये गए योजनाओ का समुचित लाभ नही मिल पा रहा है ओर शिक्षा के अभाव में वे आगे नही बढ़ पा रहे है।
कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मूलचंद शर्मा ने आदिवासी दिवस की बधाई देते हुए कहा है कि आदिवासियों को उनका हक और सम्मान दिलाने,उनकी समस्याओं का निराकरण करने,भाषा,संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया,आदिवासी शब्द दो शब्दों-आदि और वासी से मिलकर बना है और इसका मूल अर्थ मूल निवासी होता है उनके विकास में हम सभी को मिलकर प्रयत्न करने की आवश्यक्ता है इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली बच्चों को कॉपी पेन एवं बस्ता का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर अधिवक्तागण विनोद शर्मा,दिनेश साहू,मनोज शर्मा,योगेश्वर चन्देल,अजय देवांगन एवम अनिल तिवारी तथा पैरालीगल वालेंटियर नागेश सिंहा उपस्थित रहे।