लॉकडाउन में VIP ट्रीटमेंट? मेडिकल इमरजेंसी के बहाने महाबलेश्वर गया था वधावन परिवार

लॉकडाउन में VIP ट्रीटमेंट? मेडिकल इमरजेंसी के बहाने महाबलेश्वर गया था वधावन परिवार

दक्षिणापथ, दुर्ग। कवर्धा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से बेईज्जत करना सर्वथा अनुचित है, एसा कर वे स्वयं अपने ही विभाग की जगहंसाई कर रहे हैं। यदि वास्तव में निरीक्षण किये होते तो शिक्षक की गलती पर उन्हें समझाते और अगली बार के लिए मौका देते ।प्रत्येक इंसान से गलती हो सकती है। क्या जिस नोटिस या आदेश में संबंधित शिक्षक को कार्यवाही की गईं, उसमें उनके बाबू को हिंदी आती है और क्या स्वयं डीईओ पांडेय को हिंदी का पूर्ण मात्रात्मक ज्ञान है? यदि है तो असमर्थता का गलत लेखन नहीं करते। अब भला इन पर कार्यवाही कौन करे, जिन पर जिले की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी है । इसी का दुरुपयोग कर वे शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं। यदि शिक्षकों पर कार्यवाही उचित है तो डीईओ कार्यालय के बाबू और डीईओ पर भी कार्यवाही होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने एसे दोहरे मापदंड वाले अधिकारियों पर कडी से कडी कार्यवाही करने की मांग शासन से की है।