मुख्यमंत्री ने अमरकंटक के अरंडी घाट में लगाई डुबकी

मुख्यमंत्री ने अमरकंटक के अरंडी घाट में लगाई डुबकी
दक्षिणापथ, दुर्ग । आज 1 मई मजदुर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप मनाने और बोरे बासी खाने का आह्वान प्रदेश के मुखिया भुपेश बघेल ने किया है। 1 मई पूरे प्रदेश में जोर शोर से बोरे बासी खाकर मजदूर दिवस मनाया जा रहा है । मुस्लिम समाज का रमजान माह भी चल रहा है रमजान के माह पूरा 30 दिन का रोजा (उपवास) रख कर जिसमें ना पानी पिया जाता और ना ही खाया जाता है। कोई भी चीज सूर्योदय के समय से लेकर सूर्यास्त तक सेवन नही की जाती है। शाम को सूर्यास्त होते ही रोजा खोलने का समय होता है और रोजा अफ्तार किया जाता है या खोला जाता है। ये अफ्तार का समय भी मुस्लिम समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अफ्तार के समय विभिन्न प्रकार के शर्बत और पकवान बड़े शौक से मुस्लिम समाज के लोग बनाते है और रोजा खोलते है। आज बोरे बासी दिवस मनाने के आह्वान को सुनते ही बड़ी खुशी खुशी कल रात से ही हमारे यहां चावल में पानी डालकर बोरे बासी बोरकर रखा गया था हमारे नियमित पकवान साथ बोरे बासी को रोजा इफ्तार के व्यंजन में शामिल कर रोजा इफ़्तार किया गया । अय्यूब खान ने बताया कि हम छत्तीसगढ़िया लोगों को अपनी संस्कृति अपनी वेशभूषा, भाषा, त्योहार और व्यंजन पर गर्व करना चाहिये जिस तरह पंजाबी अपनी पंजाब की संस्कृति , गुजराती अपनी गुजरात संस्कृति , मराठी अपनी महाराष्ट्रीय संस्कृति में किया करते है पुरे देश भर में अनेकों उदाहरण है । इस वर्ष तो मैने बोरे बासी खा कर बोरे बासी दिवस मनाया है अब आने वाले हर 1 मई को अपनी छत्तीसगढिया संस्कृती का व्यंजन बोरे बासी दिवस को विशाल रूप मनाएंगे । आने वाले हर वर्ष जिसमे बड़े बड़े लंगर और भंडारा करवा कर गरीब,मजदूर,किसानो के साथ मिलकर बैठ कर ओर बाट कर बोरे बासी खायेंगे।