यदुवंशी करेंगे जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की मूर्ति की स्थापना

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रांची। झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन पर कार्रवाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नोटिस दी गई है। चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन से पूछा है कि खदान लीज के मामले में आखिर उनपर क्‍यों न कार्रवाई की जाए। यह उन्‍हें अयोग्‍य ठहरा सकता है। सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। खनन लीज मामले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। 10 मई तक नोटिस का जवाब देना है। पूछा है क्यों न मामले में आपके खिलाफ कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ेंगी मुश्किलें? खनन लीज मामले में चुनाव आयोग ने दिया नोटिस चुनाव आयोग ने पत्थर खदान लीज के मामले में सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने सीएम सोरेन से दस मई तक यह बताने के लिये कहा है कि उनके पक्ष में खदान का पट्टा जारी करने के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। आयोग की ओर से कहा गया है कि प्रथम दृष्टया यह मामला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 (ए) के तहत बनता है। धारा 9 (ए) सरकारी अनुबंधों के लिए अयोग्यता से संबंधित है। सूत्रों के अनुसार निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री के कांके रोड स्थित आवास पर नोटिस सौंपा है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के जवाब के बाद चुनाव आयोग राज्यपाल को अपना मंतव्य देगा। आयोग के मंतव्य के आधार पर राज्यपाल निर्णय लेंगे। उल्लेखनीय है कि भाजपा नेताओं ने फरवरी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीएम रहते अपने नाम रांची के निकट अनगड़ा में पत्थर खदान लीज आवंटित किए जाने की शिकायत राज्यपाल से की थी। चुनाव आयोग ने नोटिस की कार्रवाई पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगाये आरोपों के आधार पर राज्यपाल रमेश बैस की ओर से मंतव्य मांगे जाने के बाद की है। आयोग ने मामले में उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिये झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को कहा था। मुख्य सचिव ने दस्तावेजों को सत्यापित कर 26 अप्रैल को भेज दिया था। इस आधार पर आयोग ने मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा है। राज्यपाल ने यह भी बताया कि मुख्य सचिव ने सीएम और उनके भाई पर लगे आरोपों से संबंधित दस्तावेजों को सत्यापित करके भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है। सरकार की ओर से उपलब्ध कराये गये सत्यापित दस्तावेज के आधार पर आगे की कार्रवाई करते हुये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा गया है। झामुमो की ओर से पिछले दिनों पत्रकार वार्ता के माध्यम से बताया गया कि सीएम सोरेन ने यह लीज आवंटन सरेंडर कर दिया है। हाल ही में सत्ताधारी दल के सात सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन देकर पूरे मामले में मुख्यमंत्री का पक्ष सुने जाने की मांग की गई थी सूत्रों के अनुसार नई दिल्ली में 27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर राज्यपाल रमेश बैस ने पूरे मामले से अवगत कराया है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ अलग-अलग आधे घंटे से अधिक समय तक हुई मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने राज्य में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री हैं हैदराबाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी मां के उपचार के लिये पिछले हफ्ते से हैदराबाद में हैं। बताया जा रहा है कि उनकी मां की तबीयत में सुधार हो रहा है। सीएम हैदराबाद से ही दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों के सम्मेलन में शामिल होने गए। फिर वहां से वापस हैदराबाद पहुंचे। अगले एक दो दिन में सीएम सोरेन रांची वापस आ सकते हैं।