समाज और देश की प्रगति का सूचक है शिक्षा: स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम

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नई दिल्ली। इस साल राज्यसभा की 73 सीटों के लिए चुनाव कराने होंगे, क्योंकि साल के अंत तक राज्यसभा के 69 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इसके अलावा चार सीटें पहले से ही रिक्त पड़ी हैं। ऐसे में इस साल उच्य सदन की 73 सीटों के लिए चुनाव कराए जाएंगे।
इस साल अकेले उप्र से 10 सीटें खाली हो रही हैं। राज्य में भाजपा की सरकार है, इसलिए ज्यादातर सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी। सबसे ज्यादा नुकसान यहां समाजवादी पार्टी को होगा। अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों का साफ-साफ असर राज्यसभा चुनाव पर पड़ेगा। राज्य विधानसभाओं का अंकगणित इस बार भाजपा के खिलाफ जा रहा है। चार सीटें पहले से ही रिक्त होने के कारण उच्च सदन में कुल 73 सीटों के लिए चुनाव होगा। सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में 18 भाजपा के और 17 कांग्रेस के हैं। राज्यसभा सचिवालय के आंकड़ों के अनुसार इस साल सबसे पहले सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में मनोनीत सदस्य केटीएस तुलसी हैं। वह अगले महीने 24 फरवरी को सेवानिवृत्त होंगे। इसके बाद दो और नौ अप्रैल को राज्यसभा में 15 राज्यों के 51 सदस्य सेवानिवृत्त होंगे। इनमें राजग के घटक दलों में 15 भाजपा के, तीन जदयू के और चार अन्नाद्रमुक के हैं। इसके अलावा राजग में शामिल नहीं होने के बावजूद सदन में सत्तापक्ष का साथ दे रहे बीजद के भी दो सदस्य अप्रैल में ही सेवानिवृत्त होंगे। उधर, विपक्षी दलों में कांग्रेस के 13, तृणमूल कांग्रेस के चार और राकांपा के दो सदस्य अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। इसके बाद जून में पांच सीटें रिक्त होंगी। इनमें चार कर्नाटक और एक आंध्र प्रदेश से है।
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