सोलर लाइट से रोशन होंगी रिसामा की गलियां, मुख्यमंत्री ने रोका-छेका के अवसर पर की घोषणा

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दक्षिणापथ. नई दिल्ली
तोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) के दूसरे दिन भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर शानदार शुरुआत की वहीं तीरंदाज दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव ने पिछड़ने के बावजूद जबरदस्त वापसी कर मिक्स्ड इवेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।

टेबल टेनिस में शरत और मनिका की जोड़ी हारी
भारत के अचंत शरत कमल और मनिका बत्रा (Manika Batra) की मिश्रित युगल जोड़ी को अंतिम-16 राउंड में ही हार का सामना करना पड़ा। यह ओलिंपिक के इस इवेंट में बत्रा और कमल का पहला ही मैच था। इन दोनों को ताइवान लिन यू जू और चेंग चिंग की जोड़ी ने 4-0 से हराया। ताइवान ने यह मैच 11-8, 11-6, 11-5, 11-4 से जीता। यह मैच 27 मिनट चला।

पहले दो गेम में 5-1 और 5 -3 से बढ़त बनाने के बाद भारतीय जोड़ी लय कायम नहीं रख सकी। क्वालीफाइंग प्रतिस्पर्धा से ओलिंपिक में जगह बनाने वाली 19 वर्षीय लिन के फ्लैंक्स का 12वीं वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी सामना नहीं कर सकी।

फोरहैंड और बैकहैंड से उनके लाजवाब ड्राइव का कोई जवाब नहीं था । भारतीय जोड़ी ने पहले गेम में 5-1 की बढ़त बनाई लेकिन इसके बाद लिन और चेंग ने लगातार आठ अंक हासिल कर लिए। शरत और मनिका ने एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतकर ओलिंपिक में पदक की उम्मीद जगाई थी।

हॉकी में गोलकीपर पी आर श्रीजेश का शानदार प्रदर्शन
निर्णायक क्षणों में गोलकीपर पी आर श्रीजेश (PR Sreejesh) के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए न्यूजीलैंड को 3 -2 से हराया। न्यूजीलैंड के लिए पहला गोल छठे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ केन रसेल ने दागा।

रुपिंदर पाल सिंह ने दसवें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल करके भारत को बराबरी दिलाई। हरमनप्रीत सिंह ने 26वें और 33वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किए जबकि न्यूजीलैंड के लिए 43वें मिनट में स्टीफन जेनिस ने दूसरा गोल दागा। लगभग बराबरी के इस मुकाबले में आक्रामकता और गेंद पर नियंत्रण के मामले में बार बार पलड़ा बदलता रहा।

आठ बार के ओलिंपिक चैंपियन भारत ने आखिरी बार खेलों के महासमर में पदक मॉस्को में 1980 में जीता था। विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंची मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली मौजूदा टीम को तोक्यो में पदक के दावेदारों में गिना जा रहा है।

जुडो में सुशीला को पहले ही मैच में मिली हार
भारत की सुशीला देवी लिकमाबम को जूडो स्पर्धा में अपने पहले ही मुकाबले में हार मिली। एलिमिनेशन राउंड ऑफ 32 में सुशीला हंगरी की इवा सेरनोवस्की के सामने थीं। सुशीला को 2.40 मिनट तक चले मुकाबले में 0एस1 के मुकाबले 10एस1 के स्कोर से हार मिली। इस इवेंट में सुशीला भारत की एकमात्र उम्मीदवार थीं।

नौकायन में अरविंद और अर्जुन हीट में 5वें स्थान पर रहे

भारतीय नौकायन खिलाड़ी अरविंद सिंह और अर्जुन लाल जाट पुरुषों की लाइटवेट डबलस्कल्स स्पर्धा में अपनी हीट में पांचवें स्थान पर रहकर रेपेशाज दौर में पहुंच गए। दूसरी हीट में उतरी भारतीय जोड़ी ने छह टीमों की स्पर्धा में 6 : 40 . 33 का समय निकाला और सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सके।

शूटिंग में इलावेनिल और अपूर्वी फाइनल में जगह बनाने में नाकाम
निशानेबाजी स्पर्धा में भारत की शुरुआत खराब रही। पदक उम्मीद मानी जा रही इलावेनिल वालारिवन और अपूर्वी चंदेला महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल्स में जगह नहीं बना सकीं। पहली बार ओलिंपिक में खेल रही दुनिया की नंबर एक निशानेबाज इलावेनिल 626.5 के स्कोर के साथ 16वें और चंदेला 621.9 अंक के साथ 50 निशानेबाजों में 36वें स्थान पर रहीं ।

हर निशानेबाज को दस दस शॉट की छह सीरिज खेलनी थी। चीन की कियान वांग ने इन खेलों का पहला स्वर्ण पदक जीता जिन्होंने ओलिंपिक रेकॉर्ड के साथ 251.8 स्कोर करके पहला स्थान हासिल किया।

रूसी ओलिंपिक समिति की अनास्तासिया गालाशिना ने 251 . 1 स्कोर के साथ रजत और स्विटजरलैंड की नीना क्रिस्टीन ने 230 . 6 स्कोर करके कांस्य पदक जीता। क्वालीफिकेशन में इलावेनिल और चंदेला की शुरुआत काफी खराब रही और दोनों उससे उबर नहीं सकीं।

तीरंदाजी में दीपिका और प्रवीण की जोड़ी क्वार्टर फाइनल में
भारत ने तीरंदाजी टीम स्पर्धा में शानदार शुरुआत की जब दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव की जोड़ी ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए चीनी ताइपै को हराकर मिश्रित युगल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। पहला सेट एक अंक से गंवाने के बाद भारतीय टीम 1-3 से पिछड़ रही थी और उसे हर हालत में तीसरा सेट जीतना था।

पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साथ खेल रहे जाधव और दीपिका ने कोई गलती नहीं की। उन्होंने दो बार परफेक्ट 10 स्कोर करके लिन चिया एन और तांग चिन चुन के खिलाफ यह मुकाबला 5 -3 से जीता।

'मुझे हर हाल में ओलिंपिक पदक जीतना है'

जीत के बाद दीपिका ने कहा , 'हमें हर हालत में तीरंदाजी में ओलिंपिक पदक जीतना है और हम उसी के लिए प्रयास कर रहे हैं ।' उन्होंने कहा , 'हमें आत्मविश्वास की जरूरत है। अनुभव और मेहनत का तालमेल जरूरी है। यह सोचकर खेल रहे हैं कि यह हमारा आखिरी ओलिंपिक है , यह आखिरी मौका है ।'