गोबर बेचकर बिटिया को डॉक्टरी पढ़ा रही हैं गीता

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न्यूयॉर्क । भारतीय-मूल के एक नागरिक को सिंगापुर में मिली मौत की सजा के खिलाफ याचिका पर 24 जनवरी को सुनवाई होगी। सिंगापुर स्थित सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सजा पाए एन.के धर्मलिंगम की याचिका पर सुनवाई करेगा। सुनवाई के लिए 5 जजों का एक पैनल बनाया गया है। एन. के धर्मलिंगम भारतीय मूल के मलेशियाई नागरिक हैं। एन. के धर्मलिंगम ने हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रूख किया है जिसमें हाईकोर्ट ने उन्हें मौत की सजा को चुनौती देने के लिए न्यायिक समीक्षा किये जाने की अनुमति नहीं दी थी। 5 जजों का पैनल उनकी याचिका पर जो पैनल सुनवाई करेगा उसमें मुख्य न्यायाधीश सुदरेंश मेनन के अलावा जस्टिस एंड्रयू फांग, जूडिथ प्रकाश, बेलिंडा आंग और जस्टिस चाओ हिक टिन शामिल हैं। अदालत में एन. के धर्मलिंगम का प्रतिनिधित्व वकील एम.रवि करेंगे। धर्मलिंगम की तरफ से याचिका में कहा गया है कि वो दीमागी तौर से फिट नहीं हैं और उन्हें आदतन ड्रग तस्कर नहीं कहा जा सकता है। यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा है कि मनोचिकित्सकों का एक पैनल उनका मूल्यांकन कर सकता है। हेरोइन के साथ धराए थे साल 2009 में एन. के धर्मलिंगम को हेरोइन के साथ पकड़ा गया था। यह हेरोइन उनकी जांघ पर बंधा हुआ था। साल 2010 में उन्हें 42.72 ग्राम हेरोइन की तस्करी करने का दोषी ठहराया गया था और उन्हें मौत की सजा हुई थी। सजा के खिलाफ उनकी अपील साल 2011 में खारिज हो गई थी। साल 2015 में जब कानून में कुछ बदलाव हुए तब उन्होंने अपनी याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने अपनी सजा को बदले जाने की मांग की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने साल 2017 में चार मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की राय के बाद उनकी मौत की सजा बरकार रखी थी।