सिंगापुर में कोरोना संक्रमण के 73 नए मामले, इनमें 3 वर्षीय भारतीय बच्ची भी शामिल

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दक्षिणापथ, रायपुर।छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ द्वारा नियमितीकरण की मांग एवं विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद हुए संविदा कर्मियों के लिए न्याय की मांग को लेकर आंदोलन के पाँचवे दिन धरना स्थल बूढ़ा तालाब (विवेकानंद सरोवर) में धरनास्थल में अब भी लगातार डटे हुए हैं, इन विद्युत संविदा कर्मचारी को आश है कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वतंत्रता दिवस पर संविदा रूपी बन्धन से आजादी मिलेगी।

ऐसे होता है विद्युत संविदा कर्मियों का शोषण-अधिकृत कार्य है गड्ढा खोदना, सामान परिवहन, पेड़ की टहनी काटना आदि मैदानी कार्य। लेकिन दबाव पूर्वक खंभे चढ़ना, एलटी चालू लाइन में कार्य करना, मीटर लगाना, विद्युत विच्छेदन, पॉवर रीडिंग, फीडर अटेंड, आदि अनाधिकृत कार्य कराया जाता है।

पेट्रोल भत्ता नही मिलता, लेकिन फीडर पेट्रोलिंग, पॉवर मीटर रीडिंग और डीओ टीएमसी कार्य स्वयं के वाहन से करने हेतु बोला जाता है।

दुर्घटना होने पर, अनुकम्पा नियुक्ति नही मिलता, तथा इलाज स्वयं के वहन से करना।

8 घण्टे से अधिक समय तक कार्य कराया जाता है। 8 हजार मासिक वेतन देकर समस्त लाइनमैन का कार्य कराया जाता है।

सभी संविदा कर्मचारियों की अपने निवास स्थान से 150 से 200 किलोमीटर दूरी में पदस्थापना।

राष्ट्रीय अवकाश पर छुट्टी की पात्रता है लेकिन दीवाली में अतिरिक्त ड्यूटी लगाई जाती है जिसके एवज में अतिरिक्त वेतन भी नही मिलता।

कोरोना महामारी में 24 घण्टे ड्यूटी लगाई गई, लेकिन कार्य के दौरान कोरोना होने पर मुफ्त इलाज कराने के बजाय अनुपस्थित मानकर वेतन कटौती की गई। उपरोक्त शोषण से मुक्ति पाने नियमितीकरण के आश में आज पांचवे दिन भी सभी विद्युत संविदा कर्मियों हड़ताल में जुटे हुए है।
कम्पनी प्रबन्धन के सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ाया
हड़ताल के पांचवे दिन तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा द्वारा धरनास्थल में सभी विद्युत संविदा कर्मचारियों कम्पनी प्रबंधन और सरकार के सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ाया गया।